जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह शनिवार को जेएलएन मार्ग स्थित आर.ए. पोदार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के सभागार में आयोजित हुआ। समारोह की अध्यक्षता महामहिम राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कलराज मिश्र ने की। इस दौरान विश्वविद्यालय के दहमीकलां स्थित नवनिर्मित परिसर का वर्चुअल लोकार्पण भी किया गया।इस दौरान स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के 94 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। 6 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल करने वाले कुल 18 विद्यार्थियों को वरीयता प्रमाण पत्र प्रदान प्रदान किए गए। छह में से 5 स्वर्ण पदक लड़कियों ने हासिल किए। बीए-जेएमसी का यह पहला बैच पासआउट था जिसमें 29 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई।बीए-जेएमसी में प्रेरणा नामा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग में आशी प्रतीक, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग में कौस्तुभ व्यास, मीडिया स्टडीज में रचना सैन, न्यू मीडिया विभाग में खुशी दुबे और विकास संचार विभाग में शिखा सोगानी ने स्वर्ण पदक हासिल किया।
इस दौरान मीडिया में तकनीक के बढ़ते प्रयोग का जिक्र करते हुए माननीय राज्यपाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) कभी भी मानवीय संवेदनाओं को नहीं बदल सकता है। इससे पहले दीक्षांत समारोह और लोकार्पण के ऐतिहासिक अवसर की सभी को बधाई और शुभकामनाए प्रेषित करते हुए उन्होंने कहा कि दीक्षांत का अर्थ है, दीक्षित होकर नए जीवन में प्रवेश। दीक्षांत शिक्षा प्राप्त करने का अंत नहीं बल्कि जीवन का नया आरम्भ है।
कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को संपूर्णता में लागू करने वाले हम राजस्थान में अग्रणी विश्वविद्यालय हैं। इसके अंतर्गत हमने न सिर्फ अपने पाठ्यक्रमों और परीक्षा-योजना को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार निर्मित किया है, बल्कि इस नीति के अनेक आयामों में से एक ‘शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण’ पर विशेष बल दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है और तीन वर्षीय स्नातक एवं दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के साथ ही चार वर्षीय स्नातक (ऑनर्स इन मीडिया स्टडीज) एवं एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश भी लिया जा सकता है। अभी विश्वविद्यालय में 13 शोधार्थी पीएच-डी कर रहे हैं, जिनमें से तीन को विभिन्न तरह की रिसर्च फेलोशिप मिल रही है। इसके साथ ही पीएच-डी में 13 रिक्त स्थानों पर प्रवेश के लिए भी आवेदन प्राप्त किए जा रहे हैं जिनमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिए जाएंगे। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. सत्येंद्र बसवाल ने किया।