भोपाल-इंदौर हाइवे पर 20 किमी तक जाम
++सीवन नदी के जल से महादेव का अभिषेक
जयपुर/भोपाल। दिव्यराष्ट्र/ विठलेश सेवा समिति सीहोर भोपाल की ओर से अंतर राष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के सान्निध्य में निकली गई कावड़ यात्रा का सीन देखने लायक रहा। करीब 20 लाख लोगों ने एक साथ सीवन नदी के जल से शिवजी का अभिषेक किया। बच्चे/बुजुर्ग/महिलाएं/ युवाओं ने कंधे पर कावड़ रख कर करीब 20 किलोमीटर का सफर तय कर सावन के लास्ट सोमवार को अभिषेक कर जीवन में सफल होने/ सुख समृद्धि की शिव से कामना की। कावड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए बोल बंब, श्री शिवाय नमस्तुभियां, हर हर महादेव/जय शिव शंकर के उदघोष करते चल रहे थे। नजारा यह था कि सीवन नदी से लेकर कुंवरेश्वर धाम तक सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक कबाडियों की लंबी लंबी कतारें चलती नजर आई। इस दौरान सीहोर में 3 घंटे और इंदौर-भोपाल हाइवे पर लगातार 6 घंटे तक जाम की स्थिति रही। कावड़ यात्रा के चलते इंदौर-भोपाल हाइवे पर जाम लग गया। लोगों का कहना था कि मंत्री तुलसी सिलावट भी जाम में फंस गए।
सीहोर जिले में प्रतिवर्ष विठलेश सेवा समिति के तत्वावधान में कावड़ यात्रा निकाली जाती है। इस वर्ष भी शहर के जीवन दायिनी सीवन नदी से जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में करीब 11 किलोमीटर निकाली गई। इस वर्ष कांवड़ यात्रा ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ पैदल चलकर यहां पर भगवान शिव का अभिषेक किया। पूरे देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु कांवड़ लेकर भगवान शिव के जयकारे के साथ चल रहे थे। दरअसल, कांवड़ यात्रा के रूट में इंदौर-भोपाल हाइवे का करीब 6 किलोमीटर का हिस्सा शामिल था। इसके चलते करीब 10 किलोमीटर तक जाम की स्थिति बनी रही।
सबसे आकर्षण कावड़ महाराष्ट्र के अमरावती से आए सैकड़ों कावड़ यात्रियों की रही। जो कावड़ के साथ शिव परिवार की झांकियों को कंधे पर सवार कर 500 किलोमीटर का सफर तय कर धाम पर पहुंचे थे। इस मौके पर समिति के प्रबंधक पंडित समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा और मनोज दीक्षित मामा आदि ने अमरावती से आए श्रद्धालुओं का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। यह कावड़ महाराष्ट्र से छह दिन पहले चली थी और शुक्रवार की देर रात्रि को शहर में पहुंची और रात्रि में जागरण कर सुबह ऐतिहासिक यात्रा के साथ शामिल रहे। शनिवार की सुबह भागवत भूषण पंडित मिश्रा ने सीवन नदी घाट पर पहुंचकर विधि-विधान से पूजन अर्चना के बाद कांवड़ भरी और उसके बाद लगातार छह घंटे पैदल चलने के बाद मंदिर परिसर में पहुंचे। यहां पर अभिषेक और आरती का आयोजन किया गया।
कावड़ महाकुंभ सकुशल संपन्न
कावड़ महाकुंभ सकुशल संपन्न हो गया है। इस साल की कांवड़ यात्रा ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। देश के कोने-कोने से आए विभिन्न श्रद्धालुओं में सबसे अधिक संख्या में डाक कावड़ियों की भीड़ उमड़ी है। सीवन नदी घाट पर मोटर बोट और अन्य संसाधनों की सुविधा रखने के निर्देश दिए थे। देशभर से श्रद्धालु सीहोर पहुंचे। शहर की धर्मशालाएं, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं भीड़ ही नजर आ रही थी, भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पूरे मार्ग पर पुलिस के जवानों की व्यवस्था की गई थी, इसके बाद भी कई बार हाई पर जाम जैसी स्थिति बनी रही।
11 किलोमीटर डीजे, ढोल के साथ निकली यात्रा कावड़ यात्रा 11 किलोमीटर तक निकाली गई। इस दौरान 300 से अधिक स्थानों पर कांवड़ यात्रा की भव्य अगवानी की गई। कावड़ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां भी की गई थी। यात्रा में शामिल होने के लिए दो-तीन दिन पहले से ही कुबेरेश्वर धाम पर कांवड़ियों का जमावड़ा भी लगने लगा था। दूर-दूर से कावड़ लेकर यात्री यहां पहुंचे। इसके बाद सभी कावड़ यात्रा में शामिल हुए। कावड़ यात्रा में दो दर्जन से अधिक डीजे और एक दर्जन झाकियां भी शामिल रही। हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पूरा वातावरण शिवमय हो गया।
जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान*
कावड़ यात्रा के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कावड़ यात्रा का उद्देश्य जहां सीहोर नगर की जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान है। जहां देशभर की नदियां पश्चिम से पूर्व की तरफ बहती हैं वही सीवन नदी पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती है। लोकमान्यता है कि इस नदी के जल से श्रावण मास में जो भी भक्त अपनी कामना कर शिव अभिषेक करते हैं उनकी मन्नत शीघ्र ही पूरी होती है।