हर-हर गंगे के नारों से गूंजा पूर्णानंद घाट……
सबका साथ हो, गंगा साफ हो के संकल्प के साथ पूर्णानंद घाट पर चल रही प्रति दिन महिला गंगा आरती……
ऋषिकेश /दिव्यराष्ट्र/गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा सप्तमी के पर्व पर के अवसर पर जीवनदायिनी मां गंगा की निर्मलता व अविरलता के लिए गंगा आरती में आये सभी श्रद्धालुओं को गंगा व पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया। सबका साथ हो गंगा साफ हो श्रद्धालुओं को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई।
गंगा सप्तमी के पर्व पर गंगा के पावन तट पूर्णानंद घाट पर महिलाओं के लिए समान अवसर, अधिकार एवं उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना की गई। पूर्णानंद घाट पर गंगा सप्तमी पर्व हर्षाेल्लास से मनाया गया साथ ही पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने मां गंगा की महाआरती से पहले षोडशोपचार विधि से मां गंगा का विधिवत पूजन अर्चन हुआ। पूर्णानंद घाट पर मां गंगा को भोग लगाया गया गया फिर महाआरती हुई हर-हर गंगे के नारों से पूर्णानंद घाट गूँज उठा, देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा कि मां गंगा सहित अन्य गंगा की सहायक नदियों में लोग अपने-अपने घर की बासी पूजा सामग्री, कपड़े, भगवान की पुरानी तस्वीर भी डाल देते हैं। यह गंगा की पूजा है या उस पर अत्याचार ? वस्तुतः नदी की पूजा का अर्थ केवल घंटा बजाना नहीं, उसकी सफाई भी है।
महिला गंगा आरती में मुख्य रूप से डॉ. ज्योति शर्मा, ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी, आचार्य सोनिया राज, पुष्पा शर्मा, प्रमिला, वंदना, आशा डांग और गायत्री आदि महिलाओं ने गंगा आरती की।