जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ उमंग के स्टूडेंट्स ने हाल ही में प्रकृति के बीच कानोता में बर्ड-वॉचिंग का आनंद लिया। बच्चों को प्रकृति से जोड़ने के उद्देश्य इस ट्रिप का आयोजन उमंग द्वारा प्रकृति एनजीओ के सहयोग से किया गया। इसमें उमंग के 25 स्टूडेंट्स, 5 स्टाफ सहित एनजीओ के सदस्य शामिल हुए, जिनकी मेजबानी कनोता कैम्प रिसोर्ट ने की।
ट्रिप के दौरान, बच्चों ने प्रकृति की सैर की, विभिन्न बर्ड स्टेशनों से बर्ड्स को देखा और प्रकृति से जुड़ी कई गतिविधियों में भाग लिया। स्टूडेंट् ने पर्यावरण के प्रति जुड़ाव को महसूस किया। इससे वे प्रकृति को और अधिक जानने के लिए उत्साहित और प्रेरित नजर आए। यह जानकारी उमंग की डायरेक्टर, दीपक कालरा ने दी।
पिछले वर्षों में, उमंग ने प्रकृति एनजीओ के साथ मिलकर स्टूडेंट्स के लिए कई टॉक्स, स्लाइड शो और कला गतिविधियां आयोजित की हैं। दो वर्ष पहले, उमंग ने प्रकृति एनजीओ के साथ मिलकर एक कैम्पेन भी चलाया था, जिसका उद्देश्य उमंग के स्टूडेंट्स को बर्ड वॉचिंग पर ध्यान केन्द्रित करते हुए उनके आसपास की प्राकृतिक सुन्दरता से परिचित कराना और उसके प्रति संवेदनशील बनाना था। इसी के तहत हाल ही में बच्चों के लिए बर्ड वॉचिंग एक्सपीरियंस का आयोजन किया गया। अब स्टूडेंट्स भविष्य में और अधिक प्रकृति-सम्बन्धी एडवेंचर्स के लिए उत्साहित हैं।
उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों और उनके परिवारों के एक समूह द्वारा 2021 में स्थापित ‘प्रकृति एनजीओ’, बच्चों को प्रकृति से फिर से जोड़ने पर केंद्रित है। इसकी शुरुआत मालोविका और परविंदर पवार (1982 आईएएस बैच), उमेश कुमार (1983 आईएएस बैच), कलाकार नीलिमा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विक्रम चौहान, शिक्षाविद् रमा, निजी क्षेत्र में सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी, संजीव माथुर और इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज (आईडीएस) जयपुर की पूर्व निदेशक कंचन माथुर ने की थी।