दिव्यराष्ट्र, चेन्नई: एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसआरएमआईएसटी), कत्तनकुलथुर ने 38वें एआईयू इंटर-यूनिवर्सिटी यूथ फेस्टिवल, एसआरएम सिगारम की मेजबानी की। यह कार्यक्रम एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) के शताब्दी वर्ष का प्रतीक था। सिगारम यूथ फेस्ट में विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों की अद्भुत प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक और बौद्धिक कार्यक्रमों की श्रृंखला मुख्य आकर्षण रही।
यह पांच दिवसीय उत्सव विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भरा हुआ था और इसका उद्घाटन एसआरएमआईएसटी के संस्थापक चांसलर डॉ. टी.आर. पारिवेंधर ने किया। अपने भाषणों में एसआरएमआईएसटी के वाइस चांसलर और एआईयू की एडिशनल सेक्रेटरी ममता अग्रवाल ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान और युवाओं के सशक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के 21 से अधिक विश्वविद्यालयों ने भाग लिया।
समापन समारोह में एसआरएमआईएसटी की निदेशक (छात्र कार्य) डॉ. निशा अशोकन ने कार्यक्रम का सारांश प्रस्तुत करते हुए बताया कि 21 विश्वविद्यालयों ने 27 प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिन्हें 23 प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों द्वारा जज किया गया। समापन के मुख्य अतिथि, श्री आर. क्लेमेट रमेश कुमार, आईआरएस, ने छात्रों को शतरंज के विश्व चैंपियन गुकश की कहानी से प्रेरणा दी और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।
इसके अलावा, महोत्सव में एकांकी नाटक, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, और ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग जैसे बौद्धिक कार्यक्रम भी शामिल थे। इनमें राजनीतिक मुद्दों, सामाजिक कारणों और ऐतिहासिक कथाओं जैसे विषयों को उजागर किया गया। इन कार्यक्रमों में प्रतिभागियों ने अपनी अद्वितीय रचनात्मकता, टीमवर्क और समर्पण का प्रदर्शन किया, जिससे दर्शकों और जजों पर गहरी छाप छोड़ी।
इस महोत्सव में केरल विश्वविद्यालय ने कुल मिलाकर ट्रॉफी जीती। एसआरएमआईएसटी को उनकी उत्कृष्ट मेजबानी, टीमवर्क और आयोजन कौशल के लिए सभी 1000+ प्रतिभागियों और आयोजकों द्वारा सराहा गया।