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एनएच 8: राजस्थान की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर का प्रवेश द्वार

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जयपुर, दिव्यराष्ट्र/: राजस्थान अपने ऐतिहासिक महलों, किलों, सांस्कृतिक धरोहरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इस राज्य में एक अनोखा स्थल है, जिसने हाल के वर्षों में पर्यटकों के बीच अपनी खास पहचान बनाई है – किशनगढ़ डंपिंग यार्ड। इसे “स्नो यार्ड” और “राजस्थान का स्विट्जरलैंड” भी कहा जाता है। यह स्थल जयपुर से लगभग 105 किलोमीटर और अजमेर से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यह फोटोग्राफी प्रेमियों और पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। किशनगढ़ डंपिंग यार्ड सफेद संगमरमर के वेस्टेज से बना है, जो इसे बर्फीले परिदृश्य जैसा रूप देता है। यहाँ की सफेद चमकदार धूल और आकर्षक दृश्य इसे प्री-वेडिंग शूट, मॉडलिंग फोटोशूट और फिल्म शूटिंग के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं। मूल रूप से यह डंपिंग यार्ड संगमरमर के वेस्टेज को एकत्र करने के लिए बनाया गया था, लेकिन समय के साथ इसकी सफेद परतों और पानी से भरी गहराईयों ने इसे एक सुंदर पर्यटन स्थल में बदल दिया। इन गड्ढों में पानी भरने से झीलें बन गईं, जो धूप में नीली दिखती हैं और यह स्थान किसी द्वीप जैसा प्रतीत होता है। इसी कारण इसे “राजस्थान का मालदीव” भी कहा जाता है।

 

जयपुर, अजमेर और आसपास के क्षेत्रों से एनएच 8 के माध्यम से सड़क मार्ग से यहाँ तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। जयपुर से बस, टैक्सी या निजी वाहन से किशनगढ़ आकर, लोकल ऑटो की मदद से डंपिंग यार्ड तक पहुँचना सुविधाजनक होता है। इस अनोखी जगह की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ रही है और यह राजस्थान आने वाले पर्यटकों की बकेट लिस्ट में तेजी से शामिल हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 8 (एनएच 8) राजस्थान के प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, अजमेर, किशनगढ़ और उदयपुर को जोड़ता है, जिससे इन शहरों के बीच यात्रा सुगम और सुविधाजनक हो जाती है। यह मार्ग न केवल यात्रा को आरामदायक बनाता है, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा देता है। एनएच 8 पर यात्रा करते हुए पर्यटक राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकते हैं।

 

जयपुर को “पिंक सिटी” के रूप में जाना जाता है, जहाँ आमेर किला, हवा महल, जल महल और सिटी पैलेस जैसे ऐतिहासिक स्थल मुख्य आकर्षण हैं। यह शहर अपनी राजसी वास्तुकला, सांस्कृतिक उत्सवों और बाजारों के लिए प्रसिद्ध है। अजमेर और पुष्कर जैसे धार्मिक केंद्र एनएच 8 पर स्थित हैं, जहाँ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और ब्रह्मा मंदिर जैसे पवित्र स्थल हैं। ये स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं और हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। उदयपुर, जिसे “सिटी ऑफ लेक्स” कहा जाता है, अपनी झीलों, महलों और उद्यानों के लिए प्रसिद्ध है। फतेह सागर और पिछोला झील जैसी स्थलों की सुंदरता पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। यहाँ कुंभलगढ़ किला, रणकपुर के जैन मंदिर और सिटी पैलेस जैसे प्रसिद्ध स्थल भी हैं, जो शाही इतिहास और वास्तुकला का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं।

 

नरेली जैन मंदिर, अजमेर के निकट एनएच 8 पर स्थित एक भव्य तीर्थ स्थल है, जो अपनी अनूठी वास्तुकला और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर पारंपरिक और आधुनिक वास्तुकला का मिश्रण है और सफेद संगमरमर से निर्मित है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। यहाँ भगवान आदिनाथ की विशाल प्रतिमा स्थापित है और इसके चारों ओर 24 छोटे मंदिर जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों को समर्पित हैं। एनएच 8 न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है, बल्कि यह व्यापारिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह मार्ग राजस्थान के शहरों को जोड़ते हुए व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। इसके कारण होटल, रेस्टोरेंट और रिसॉर्ट्स की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ मिल रहा है।

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