Home एजुकेशन कोटा शिक्षा की भूमि है: मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री

कोटा शिक्षा की भूमि है: मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री

51 views
0
Google search engine

कोटा. दिव्यराष्ट्र/स्टूडेंट्स को कभी निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि हर पल नया जीवन है और नई संभावनाएं हैं। अपनी राह तय करें और ईमानदारी से मेहनत करते रहें। आप जिस मार्ग पर चलेंगे सफलता आपका इंतजार कर रही है। विद्यार्थियों को नींद पर्याप्त लेनी चाहिए, व्यायाम करना चाहिए और टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करना चाहिए।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने ये बात कोटा के एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में विद्यार्थियों से संवाद के दौरान कही। यहां जवाहर नगर स्थित एलन सत्यार्थ कैम्पस में हुए इस संवाद में उन्होंने विद्यार्थियों को धर्म, अध्यात्म और इसके वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में बताया। कार्यक्रम में एलन के निदेशक राजेश माहेश्वरी व डॉ.नवीन माहेश्वरी मौजूद रहे।

उन्होंने कहा कि कोटा शिक्षा की धरती है और विद्यार्थियों के बीच आकर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। ऐसा लग रहा है मेरे पुराने दिन लौट आए। यहां ऊर्जा का अनुभव हो रहा है। विद्यार्थियों को सीख देते हुए डॉ.यादव ने कहा कि मैं स्वयं एक उदाहरण हूं। मेरा चयन प्री मेडिकल टेस्ट में हो गया था। इंदौर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया था लेकिन मैंने बीएससी की, फिर राजनीति क्षेत्र चुना। खूब मेहनत की। आज आप सभी के सामने मुख्यमंत्री के रूप में हूं। जीवन के जिस भी मार्ग पर चलें, आत्मविश्वास रखें वहां सफलता आपका इंतजार कर रही है। जब भी आपको लगे कि असफल हुए हैं, निराश नहीं हों, एक राजनीतिक व्यक्ति की तरफ देखें। उनके जीवन में कितने उतार-चढ़ाव आते हैं।

उन्होंने कहा कि अब्राहम लिंकन ने जीवन में कितने चुनाव हारे, लेकिन जब जीते तो राष्ट्रपति बने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 51 वर्ष की उम्र तक कोई चुनाव नहीं लड़े, जब लड़े तो मुख्यमंत्री बने, अब सांसद का चुनाव लड़े तो प्रधानमंत्री बने। आपके लिए कौनसा अवसर किस आयु में कब इंतजार कर रहा है, इसके बारे में कोई नहीं बता सकता। हां, हमें प्रयास करते रहने चाहिए। हमारे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगातार मेहनत करते रहें। मेडिकल प्रवेश परीक्षा हो या इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा चुनौतियां हर जगह है लेकिन हमें पूरी ईमानदारी से सफलता के लिए प्रयास करना है।

डॉ.यादव ने कहा कि विद्यार्थी विज्ञान का अध्ययन करते हैं, ऐसे में उन्हें ग्रह-नक्षत्र के वैज्ञानिक दृष्टिकोण की भी जानकारी रखनी चाहिए। उन्होंने श्रीकृष्ण जैसे विद्यार्थी बनने की बात कही, जिन्होंने शिक्षा के लम्बे अंतराल के बाद महाभारत के युद्ध में गीता उपदेश दिए, जिसमें सभी वेदों का सार है। यदि विद्यार्थी पूरे मनोयोग से सीख रहा है तो जो ग्रहण करेगा वो जीवनभर साथ रहेगा। उन्होंने कहा कि दोस्त भी कृष्ण सुदामा की तरह होने चाहिए, जिसमें विश्वास हो। बरसों बाद मिलें लेकिन एक दूसरे में अटूट विश्वास रखते हुए साथ रहें।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कार्यक्रम में मौजूद मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों से भी संवाद किया। उन्होंने राजस्थान और मध्यप्रदेश के मध्य में पर्यटन विकास को लेकर हो रहे समझौतों के बारे में बताया। इससे पूर्व एलन के विद्यार्थियों ने बड़ा पुष्पाहार पहनाकर मुख्यमंत्री डॉ.यादव का स्वागत किया। कार्यक्रम में राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, विधायक संदीप शर्मा भी मौजूद रहे। निदेशक राजेश माहेश्वरी व डॉ.नवीन माहेश्वरी ने मुख्यमंत्री को रामलला की तस्वीर भेंट कर आभार व्यक्त किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here