प्रयागराज| दिव्यराष्ट्र/ प्रयागराज के महाकुंभ में ‘शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास’ ओर से 10.जनवरी से 10फरवरी.2025 तक ज्ञान महाकुंभ’ का आयोजन चल रहा है। तीन दिवसीय राष्ट्रीय आयोजन के इसी कड़ी में शनिवार को ‘आचार्य सम्मेलन’ आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के प्रथम संबोधन और बीज वक्तव्य में सनातन धर्म पब्लिक स्कूल की प्राचार्या अनीता ने कहा- “एक अच्छा शिक्षक/आचार्य छात्र ही नहीं बल्कि समाज में क्रांति ला सकता है। भारत में आचार्य चाणक्य जैसे शिक्षकों ने ना सिर्फ़ एक जीवन को बल्कि पूरे देश की दिशा की बदल दी। गुरुकुल प्रणाली के घटे अस्तित्व के बाद से ही एक अच्छे शिक्षक को पाना किसी चुनौती से कम नहीं, पर जहां चाह, वहां राह है।”
विशिष्ट अतिथि उद्बोधन में माता आनंदमयी पीठ से ब्रह्मचारी मोक्षामृत चैतन्य ने कहा- “गुरुकुल प्रणाली में गुरु ही रोल मॉडल होते थे, पर आज की शिक्षा व्यवस्था में रील माॅडल का अस्तित्व है। एक स्वस्थ्य समाज के लिए हमें अपने अभिभावकों को ही अपना आदर्श मानना चाहिए।”
सुपर-30 कार्यक्रम के जरिए आईआईटी में दाखिले के लिए छात्रों को मुफ़्त शिक्षा देने वाले, आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पद्म श्री आनंद कुमार ने कहा- “जीवन में आगे बढ़ने के लिए कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो। चुनौती कितनी भी कठिन क्यों ना हो, कर्म ही उसके फल का निर्धारक होता है।”
कार्यक्रम में आईआईआईटी प्रयागराज से डाॅ. मनीष गोस्वामी, गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय से डॉ. राजीव कुमार, वीएनआईटी (नागपुर) के डायरेक्टर डॉ. पी. एल. पटेल, झारखंड से जुझारू शिक्षक सपन कुमार , न्यास के युवा कार्यकर्ता यशवर्धन, स्वर्णिमा लूथरा जी और डॉ. अनुपमा आर्या ने नई शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन और भारतीय ज्ञान परंपरा से देश की शिक्षा प्रणाली को समृद्ध करने में अपनी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। तत्पश्चात न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने प्रस्तुतकर्ताओं को किताब देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा- “न्यास से जुड़ने के सिर्फ़ एक योग्यता है- जो अच्छा काम करते हैं वह सब हमारे हैं।”
कार्यक्रम में भारतीय शिक्षा की पुनर्स्थापना के द्वारा भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए प्रयत्नशील होने के लिए ऊं ध्वनि के साथ संकल्प पत्र पारित किया गया।
महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-8 के पी. डब्ल्यू.- 801 में चल रहे इस कार्यक्रम में न्यास से जुड़े श्री कार्तिकेय ने स्वागत उद्बोधन दिया और डॉ. हितेंद्र त्यागी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।