उपभोक्ता सुरक्षा और उद्योग की प्रगति के लिए कौशल को प्राथमिकता देने की दिशा में अहम कदम
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल (आईईआईसी) ने एक अग्रणी स्टैटिस्टिकल मेथड (सांख्यिकीय पद्धति) का उपयोग करते हुए 100 से अधिक गेम्स को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया है। यह गेम्स स्किल की प्रधानता पर आधारित है। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईटी मद्रास और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित, यह नया तरीका 100 मिलियन से अधिक यूजर्स के अरबों गेमप्ले में यूजर के व्यवहार का विश्लेषण करता है। यह पहल स्किल आधारित गेम्स को चांस आधारित गेम्स से अलग करने की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान करती है, जिससे स्पष्टता की स्थिति बहाल होती है और उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होता है।
यह प्रमाणीकरण उपभोक्ताओं को वैध कौशल-आधारित गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म और अवैध सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफ़ॉर्म के बीच अंतर करने में सक्षम बनाता है, जिससे उन्हें संभावित नुकसान से बचाने में मदद मिलती है। स्किल की प्रधानता के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय के परीक्षण पर आधारित एक मजबूत मूल्यांकन पद्धति को बढ़ावा देकर आईईआईसी एक निष्पक्ष, पारदर्शी और जिम्मेदार गेमिंग ईकोसिस्टम को बढ़ावा दे रहा है।
आर्टून, ऐपऑन, हैश बाइट, मैक्सप्ले, स्मैश हेड, विन्जो और प्ले बाइट्स सहित 50 से अधिक प्रमुख स्टूडियो द्वारा विकसित प्रमाणित गेम-आर्केड गेम, स्पोर्ट्स सिमुलेशन, पहेलियां, कार्ड गेम और बोर्ड गेम जैसी विविध श्रेणियों में फैले हुए हैं। यह प्रमाणीकरण न केवल इन डेवलपर्स की रचनात्मक कल्पना को मान्यता देता है बल्कि इंटरैक्टिव मनोरंजन क्षेत्र में स्किल-आधारित गेम के आकर्षण को भी बढ़ाता है।
आईईआईसी की प्रमाणन प्रक्रिया एक बहुआयामी मूल्यांकन पद्धति का लाभ उठाती है, जो खिलाड़ी के व्यवहार, स्किल स्थिरता, रणनीतिक निर्णय लेने और सांख्यिकीय विश्लेषण की जांच करती है। गेमिंग और जुए के मिक्स को संबोधित करते हुए यह पहल उन नियामक अस्पष्टताओं का समाधान करती है, जो उद्योग के विकास में बाधक है, जैसे कि वैध गेमिंग व्यवसायों पर हाल ही में की गई 400% जीएसटी वृद्धि का फैसला।
भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग 14% सीएजीआर के साथ 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जिसके 2028 तक 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। नियामकीय स्पष्टता और आईईआईसी प्रमाणन जैसी पहल के साथ, भारत वैश्विक बाजार में 20% हिस्सेदारी हासिल कर सकता है और 2034 तक 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अवसरों का इस्तेमाल कर सकता है। यह वृद्धि 20 गुना अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी और भारत को गेमिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित करेगी।
आर्टून के सह-संस्थापक नरेश खोखनेशिया ने कहा, “एक गेम डेवलपर के रूप में जो सीमाओं को आगे बढ़ाने और खिलाड़ियों को गहराई से प्रभावित करने वाले अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, मैं उनकी महत्वपूर्ण पहल के लिए आईईआईसी की सराहना करता हूं। यह प्रमाणन प्रक्रिया न केवल हमें शुरुआती चरणों में नए उत्पादों का परीक्षण करने में मदद करती है, बल्कि गेमिंग में स्किल एलिमेंट को मान्य करने का एक लागत प्रभावी तरीका भी प्रदान करती है।”
संस्थानों के विशेषज्ञों के एक पैनल ने बहुआयामी मूल्यांकन पद्धति के माध्यम से खेलों में स्किल एलिमेंट्स के लिए वैज्ञानिक परीक्षण विकसित किए थे। इस तरीके में सांख्यिकीय विश्लेषण, खिलाड़ी के व्यवहार का अवलोकन, समय के साथ कौशल अभिव्यक्ति की स्थिरता और खेल के परिणामों पर रणनीतिक निर्णयों का प्रभाव शामिल था। मौके पर स्किल की प्रमुखता को सत्यापित करने की सांख्यिकीय विधि या परीक्षण गेम खेलने वाले डेटा और 100 मिलियन से अधिक यूजर्स के यूजर व्यवहार, अरबों गेम प्ले और अन्य प्रासंगिक कारकों का उपयोग करने के बाद डिजाइन किया गया था।
इस पहल में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए अनुपालन बोझ को कम करने और तकनीकी और व्यावसायिक मॉडल में तेजी से इनोवेशन के युग में नियामक चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता है। विशेषज्ञों का पैनल आईईआईसी के साथ मिलकर काम करेगा क्योंकि यह अपनी प्रमाणन प्रक्रिया का विस्तार कर रहा है, ताकि अधिक गेम डेवलपर्स को शामिल किया जा सके जो स्किल की प्रमुखता के लिए अपने गेम की जांच करने और प्रमाणित करने के इच्छुक हैं।