उदयपुर, दिव्यराष्ट्र/ बार एसोसिएशन के सदस्य एवं किशोर न्याय बोर्ड में न्याय मित्र के रूप में सेवाएं दे रहे अधिवक्ता हरीश पालीवाल ने मंगलवार को नोटों से भरा पर्स, दो मोबाइल के साथ जरूरी पहचान संबंधी कागजात अन्य सामग्री से भरा पर्स छात्रा को लौटा कर अपनी ईमानदारी का परिचय दिया है।
किशोर न्याय बोर्ड में सेवाएं देकर जिला एवं सत्र न्यायालय की ओर आ रहे न्याय मित्र एडवोकेट हरीश पालीवाल को ओकेजन गार्डन के पास बैरियर के नजदीक एक गुलाबी कलर का पर्स मिला, जिसे लेने के लिए कुछ युवक लपक रहे थे । अधिवक्ता ने शक्ति दिखाकर उस पर्स को अपने कब्जे में लिया और जिला एवं सत्र न्यायालय उदयपुर आ गए। काफी देर तक कोई फोन नहीं आने पर उन्होंने फोन को ओपन करने की कोशिश की, लेकिन पैटर्न लॉक होने की वजह से वह नंबर पता नहीं कर सके।
कुछ देर पश्चात फोन की स्क्रीन पर मम्मी नाम से कॉल आया जिसे उठाकर उन्होंने संतुष्ट से जवाब दिया कि वह पर्स एकदम सुरक्षित है जिसे वह जिला न्यायालय से कलेक्ट कर सकते हैं।
कुछ देर पश्चात फोन लेने के लिए चित्रकूट नगर निवासी काव्या अग्रवाल अपने भाई के साथ जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर पहुंची जहां पर उसने बताया कि वह चित्रकूट नगर से उदयपुर में कार सीखने आती है और कार सीखने के बाद वह अपने घर जा रही थी तभी रास्ते में यह पर कहीं गिर गया था। अधिवक्ता ने पूरी तसल्ली करने के बाद पर्स में रखा सारा सामान चेक करवा कर अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए दोनों मोबाइल नोट के साथ संपूर्ण पर्स काव्या अग्रवाल को सिपुर्द कर दिया।
इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश नंदवाना मदनलाल सेवक शंभू सिंह राठौड़ प्रेम सिंह पवार जितेंद्र सिंह लखारी उदय भान सिंह शाहिद का अधिवक्ता उपस्थित रहे। अधिवक्ता हरीश पालीवाल ने बताया कि कुछ दिन पहले शीला एवं सत्र न्यायालय के नीचे भी 500 के नोट मिले थे जिन्हें भिंडर थाने के कांस्टेबल ने अपना बताया जिसे उन्होंने उसे सुपुर्द कर के भी ईमानदारी का परिचय दिया था।