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ग्लेनमार्क न्यूट्रिशन अवॉर्ड्स 2025: भारत में कुपोषण के खिलाफ नवाचार, प्रभाव और स्थिरता का जश्न

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– ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने आईडीओबीआरओ, यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया और इंपैक्ट4न्यूट्रिशन के साथ साझेदारी में किया इस कार्यक्रम का आयोजन

– 22 राज्यों के 168 जिलों से कुल 403 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं, जिसने राष्ट्रीय पोषण संकेतकों में सुधार लाने वाली महत्वपूर्ण और नवाचारी पहलों को किया उजागर

जयपुर, दिव्यराष्ट्र/: ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी शाखा, ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने ग्लेनमार्क न्यूट्रिशन अवॉर्ड्स के 5वें संस्करण का सफल समापन किया। यह कार्यक्रम हमारे प्रक्रिया साझेदार आईडीओबीआरओ, स्थिरता साझेदार यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया और ईको-सिस्टम साझेदार इंपैक्ट4न्यूट्रिशन के सहयोग से आयोजित किया गया। यह पहल कुपोषण के खिलाफ नवाचार, प्रभाव और स्थिरता के प्रति ग्लेनमार्क की प्रतिबद्धता को मजबूत करने का माध्यम रही। इस वर्ष पुरस्कारों को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसमें देशभर के 22 राज्यों के 168 जिलों से कुल 403 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं।
सम्मानित जूरी की अध्यक्षता डॉ. राजू जोतकर, एमडी, वरिष्ठ सलाहकार, माता-बाल स्वास्थ्य और पोषण मिशन, महाराष्ट्र सरकार; सोनाली मुखर्जी, एसबीसी विशेषज्ञ, मुंबई इंडिया कंट्री ऑफिस; और डॉ. वीणा यार्डी, एमएससी, एमफिल, पीएचडी (फूड्स, न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स), एसोसिएट प्रोफेसर, कॉलेज ऑफ होम साइंस, निर्मला निकेतन ने की। चयन प्रक्रिया के दौरान इन विशेषज्ञों ने पोषण जागरूकता को लेकर अमूल्य सुझाव दिए।
ग्लेनमार्क न्यूट्रिशन अवॉर्ड्स 2025 के विजेता:

रूरल एनजीओ कैटेगरी: बैकुंठपुर तरुण संघ, सुंदरबन, पश्चिम बंगाल

अर्बन एनजीओ कैटेगरी: स्नेह फाउंडेशन, पुणे, महाराष्ट्र

अन्य कैटेगरी: महावीर इंटरनेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट, जयपुर, राजस्थान

इन तीनों संगठनों को अपने-अपने जिलों में परिवर्तनकारी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक को दो लाख रुपए का अनुदान दिया गया है।

इस अवसर पर शेरिल पिंटो, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर- कॉर्पोरेट सर्विसेस, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, ने कहा, “ग्लेनमार्क फाउंडेशन में, हमारा विश्वास है कि स्वस्थ बच्चे ही एक स्वस्थ दुनिया की नींव रखते हैं। पोषण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता समाज के दीर्घकालिक कल्याण की हमारी सोच को दर्शाती है। इस साल की प्रविष्टियों में न सिर्फ पोषण को बेहतर बनाने की योजनाएँ थीं, बल्कि टिकाऊ और स्थायी समाधान भी देखने को मिले। हमारे विजेताओं ने दिखाया कि सही सोच, इनोवेशन और योजना के साथ हम कुपोषण को हरा सकते हैं। हमारा सपना एक ऐसा भविष्य है, जहाँ हर बच्चा अच्छा पोषण पाए और हर समुदाय खुशहाल और सुरक्षित रहे।”

डॉ. रश्मि सारस्वत, डायरेक्टर, महावीर इंटरनेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट, जयपुर ने कहा, “महावीर इंटरनेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट में हमारा मानना है कि सच्ची सेवा समाज को सँवारती है और कई लोगों के जीवन को बेहतर बनाती है। यह पुरस्कार न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े प्रयासों की पहचान है, बल्कि हमें जरूरतमंद परिवारों तक और भी बेहतर तरीके से पहुँचने की ताकत भी देता है। हम इस सहयोग के लिए ग्लेनमार्क के आभारी हैं, जिससे हमें पूरे भारत में अपने मिशन ‘सबसे प्रेम, सबकी सेवा’ को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।”
कार्यक्रम के दौरान करोन शैवा, चीफ इम्पैक्ट ऑफिसर और एमडी, आईडीओबीआरओ इंपैक्ट सॉल्यूशन, ने कहा, “ग्लेनमार्क न्यूट्रिशन अवॉर्ड्स एक शानदार पहल है, जो पोषण सुधार के प्रयासों को सराहता है। इस साल हमने पोषण और स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) पर खास ध्यान दिया, क्योंकि ये मजबूत और स्वस्थ समुदाय बनाने के लिए बहुत जरूरी हैं। इस साल के विजेताओं और फाइनलिस्ट्स को ऐसे कार्यक्रमों के आधार पर चुना गया, जो सिर्फ अभी की पोषण ज़रूरतों को पूरा नहीं करते, बल्कि खाने के उत्पादन, वितरण और खपत की ऐसी व्यवस्थाएँ भी बनाते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद हों। ग्लेनमार्क फाउंडेशन और आईडीओबीआरओ की 10 साल से ज्यादा पुरानी साझेदारी ने उन एनजीओ के लिए बेहतर माहौल बनाया है, जो माँ और बच्चे के स्वास्थ्य पर काम कर रहे हैं।”
इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के माता-बाल स्वास्थ्य और पोषण मिशन के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. राजू जोतकर ने कहा, “ग्रैंड जूरी का सदस्य बनना मेरे लिए गर्व की बात थी। 403 प्रविष्टियों में से 9 फाइनलिस्ट्स का मूल्यांकन एक अच्छी तरह से तय प्रक्रिया के तहत किया गया, जिससे निष्पक्षता, पारदर्शिता और प्रभाव सुनिश्चित हुआ। अलग-अलग राज्यों से विजेताओं का चुना जाना इस पहल की विश्वसनीयता और प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है। भारत में बदलते पोषण पैटर्न और बढ़ते मोटापे की समस्या को देखते हुए, आगे चलकर हमें ज्यादा वजन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी ध्यान देना होगा, ताकि गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से लड़ने के राष्ट्रीय प्रयासों को और मजबूती मिले। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह न्यूट्रिशन अवॉर्ड पहल भारत में स्वास्थ्य और पोषण को लगातार बेहतर बनाने में योगदान देता रहेगा।”
ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने कुपोषण को एक गंभीर समस्या माना है, खासकर 0 से 6 साल तक के बच्चों और गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए। कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में 360-डिग्री दृष्टिकोण अपनाते हुए, यह फाउंडेशन विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के जरिए समग्र पोषण समाधान को बढ़ावा दे रहा है। ग्लेनमार्क न्यूट्रिशन अवॉर्ड्स का उद्देश्य इस प्रयास को और भी मजबूत करना है, ताकि भारत के हर कोने में पोषण से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो सके।

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