जयपुर। दिव्यराष्ट्र/ राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के आह्वान पर व्यापार बन्द का गुरुवार को पाँचवा दिन है। व्यापारी पूर्ण आक्रोशित है। सात हजार करोड़ के व्यापारिक टर्नऑवर का नुकसान हो चुका है। मुनीम एवं गुमास्ते बेरोजगार है। किसानों को माल नहीं लाने के लिये सूचना दे दी गयी है। पर किसान इस स्थिति में नहीं है कि वे खलिहान में माल रोक सकें। वर्षा का मौसम बना हुआ है। यदि किसानों का नुकसान होता है तो इसके लिये सरकार जिम्मेवार है।
हमारी उचित माँग है कि कृषक कल्याण फीस समाप्त की जायें, राज्य से बाहर अन्य राज्यों में कृषि मण्डी शुल्क चुकाने के बाद राज्य में आने वाले कृषि जिन्सों पर पुनः कृषि मण्डी शुल्क तथा कृषक कल्याण फीस नहीं लिया जायें। मोटे अनाज (श्रीअन्न) पर आढ़त 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.25 प्रतिशत की जायें। फल-सब्जी मण्डी में कृषक कल्याण फीस समाप्त कर यूजर चार्ज लगाया जायें। बाहर से आने वाले कृषि जिन्सों का वोल्यूम बहुत कम है इसलिये कृषि मण्डी को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान नहीं होता है।
राजस्थान के सभी संभागों पर विरोधस्वरूप सरकार को सद्बुद्धि आयें, सद्बुद्धि यज्ञों का आयोजन किया गया। यज्ञ कर भगवान से प्रार्थना की गयी कि राज्य सरकार को सद्बुद्धि दें कि ये हमारी मांगें शीघ्र माने और मण्डियों में व्यापार गति पकड़े। व्यापारी, किसान और उपभोक्ता सभी लाभान्वित हों और मजदूरों को रोजगार मिलें। मण्डियों के बन्द होने के कारण बाजारों में खाद्य पदार्थों की कमी महसूस की जा रही है।
कोर कमेटी की मीटिंग संघ कार्यालय में आयोजित की गयी। सभी 247 मण्डियों से आये समाचारों की समीक्षा की गयी। राज्य सरकार हमारी जिनाइन मांग नहीं मान रही है, इस पर सभी मण्डियों ने रोष जाहिर किया है। कोर कमेटी की मीटिंग में तय किया गया कि धरना-प्रदर्शन तेज किया जायें। सम्बंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे जायें, शनिवार को घोषित आमसभा खाद्य पदार्थ व्यापार संघ, राजधानी मण्डी, कूकरखेड़ा में आयोजित की जायें।