
नेपाल के स्टूडेंट्स के लिए ‘इंडो-नेपाल मैत्री स्कॉलरशिप’ लांच
काठमांडू, दिव्यराष्ट्र*
नेपाल के प्रतिभाशाली और आर्थिक तौर पर कमजोर स्टूडेंट्स के गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने के सपनों को साकार करने के उद्देश्य से भारत की अग्रणी यूनिवसिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने भारत-नेपाल मैत्री, शांति और प्रेम की 75वीं वर्षगांठ का जशन मनाते हुए ’इंडो-नेपाल मैत्री स्कॉलरशिप-2025-26’ की शुरुआत की। इसका उद्घाटन समारोह के दौरान विशेष रुप से पहुंचे नेपाल के सोशल डेवल्पमेंट मंत्री धनश्याम भंडारी, नेपाल के शिक्षा, सेहत और आईटी कमेटी के चेयरपर्सन और प्रतिनिधि सभा के संसद सदस्य अम्मर बहादुर थापा, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर के सलाहकार प्रोफैसर (डॉ.) आरएस बावा ने सांझे तौर पर किया गया। इस मौके चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली के इंटरनेशनल अफेयर्स के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर राजन शर्मा भी मौजूद रहे। इस स्काॅलरशिप के माध्यम से, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली और लखनऊ कैंपस में दाखिला लेने वाले नेपाल के स्टूडेंट्स के लिए 9.40 करोड़ रुपये सालाना की राशि का बजट भी आवंटित किया है। ताकि नेपाल के स्टूडेंट्स बिना किसी आर्थिक बाधा के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें।
नेपाल के काठमांडू में इंडो-नेपाल मैत्री स्कॉलरशिप के शुभारंभ के अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के अधिकारी और नेपाल के सोशल डेवलपमेंट मंत्री घनश्याम भंडारी
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर के सलाहकार प्रोफैसर (डॉ.) आरएस बावा ने बताया कि भारत और नेपाल के बीच 3,000 वर्षों से भी अधिक समय से गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जो पौराणिक-महाकाव्य युग (रामायण और महाभारत) से लेकर लिच्छवि राजवंश तक, उनके संबंधों का आधार रहे हैं। आधुनिक युग में, नेपाल और भारत के आधिकारिक संबंधों को 1950 की शांति और मैत्री संधि पर हस्ताक्षर के समय से माना जाता है, जिससे 2025 में ये लगभग 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। भारत-नेपाल मैत्री, शांति और प्रेम की 75वीं वर्षगांठ मनाते हुए, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने इंडो-नेपाल मैत्री स्कॉलरशिप की शुरुआत की है।
उन्होंने कहा कि भारत ने साइंस, हैल्थकेयर, इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली, शिक्षा, रक्षा, हवाई अड्डे और रेलवे, कृषि, आपदा राहत, साथ ही सांस्कृतिक और धार्मिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में नेपाल की सहायता करने में हमेशा एक ’बड़े भाई’ की भूमिका निभाई है। भारत स्कॉलरशिप, एक्सचेंज प्रोग्राम और एकेडमिक कोलेबोरेशन प्रदान करके नेपाल के स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण वर्ल्ड क्लास एजुकेशन प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय यूनिवर्सिटीज, जो अपने विविध प्रोग्राम्स और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों के लिए जाने जाते हैं, नेपाल के स्टूडेंट्स के लिए हमेशा पहली पसंद रहे हैं। इसलिए, नेपाल के स्टूडेंट्स के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के दृष्टिकोण के साथ, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ’इंडो-नेपाल मैत्री स्कॉलरशिप’ की घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है।
प्रोफैसर (डॉ.) आरएस बावा ने कहा कि भारत की अग्रणी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली द्वारा पिछले 13 वर्षों से स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है। वहीं, जहां सीयू में नेपाल के स्टूडेंट्स को शिक्षा हासिल करने के लिए यहां से लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। नेपाल के स्टूडेंट्स की सहुलियत और गुणवतापूर्ण उच्च शिक्षा के सपने को साकार करने के लिए लखनऊ, उत्तर प्रदेश में नजदीक ही शिक्षा भारत की पहली एआई ऑगमेंटेड मल्टीडिस्पलिनरी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश, उन्नाव के नेक्सट जेनरेशन फ्यूचरिस्टिक कैंपस की शुरुआत की है। नेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, नेपाल से 12वीं के सभी स्ट्रीम्स में पास होने नेपाल के स्टूडेंट्स को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली और लखनऊ दोनों कैंपस में ’इंडो-नेपाल मैत्री स्काॅलरशिप-2025-26’ के माध्यम से 50 प्रतिशत तक की स्काॅलरशिप प्रदान की जा रही है।
प्रोफैसर (डॉ.) आरएस बावा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली में 1265 स्टूडेंट्स दाखिला ले चुके हैं, जिनमें इंजीनियरिंग में 450, हाॅटल मैनेजमैंट में 240, एमबीए में 180 और अन्य स्ट्रीम्स में दाखिला लिया है। इस दौरान नेपाल के इन सभी स्टूडेंट्स को सीयू, मोहाली द्वारा स्काॅलरशिप भी प्रदान की गई है।