रोहित गजभिये, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं संस्थापक, लियो 1 ने कहा “हम शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अनुशासन स्थापित करना चाहते हैं. विश्वविद्यालयों में अनियमित कैश फ्लो की वजह से केवल मंथली फीस वसूली पर अत्यधिक प्रशासनिक समय खर्च होता है, जिससे विश्वविद्याल से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण काम रुक जाते हैं. साथ ही, शिक्षा परिवार की आय का 15-20% हिस्सा होने के कारण, माता-पिता और छात्रों के पास समय पर भुगतान करने की पर्याप्त प्रेरणा नहीं होती। लियो 1 अपने ‘फाइनेंशियल सास (SaaS) सॉफ्टवेयर’ मॉडल के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान करता है और छात्रों में जिम्मेदार वित्तीय व्यवहार को प्रेरित करता है.”
31 से अधिक प्रमुख संस्थान, जिनमें आईआईएचएमआर, आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, जेईसीआरसी, पूर्निमा विश्वविद्यालय, नारायणा ग्रुप, जैन ग्रुप और सेज यूनिवर्सिटी आदि लियो1 के सास (SaaS) नेटवर्क का हिस्सा है, और यह नेटवर्क तेजी से बढ रहा है. प्लेटफॉर्म फीस प्रबंधन, स्मार्ट आईडी कार्ड और छात्रों के लिए रिवार्ड मॉड्यूल जैसी सेवाएं प्रदान करता है.
यह सॉफ्टवेयर डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन करता है, इसके डिजिटल कैंपस मॉड्यूल के माध्यम से छात्र ऐप के जरिए अपने सभी खर्चों का प्रबंधन कर सकते हैं. कंपनी का इंसेंटिवाइज मॉड्यूल लाखों छात्रों के बीच जिम्मेदार वित्तीय व्यवहार को बढ़ावा दे रहा है.
यह ऐप छात्रों के लिए भारत का पहला प्री-पेड कार्ड प्रदान करता है, जिसे उपस्थिति, फीस भुगतान, कैंटीन की खरीदारी, पुस्तकालय शुल्क आदि के लिए उपयोग किया जा सकता है. इस कार्ड को छात्र 175 ऑनलाइन ब्रांड पार्टनर्स, जैसे ज़ोमैटो, नायका, क्रोमा, और मिंत्रा आदि पर इस्तेमाल कर सकते हैं. खरीदारी या हर लेन-देन पर छात्र रिवार्ड पॉइंट्स भी कमाते हैं, जिन्हें मर्चेंट आउटलेट्स पर रिडीम किया जा सकता है.”