मुंबई, दिव्यराष्ट्र/: विश्वस्तरीय टेक दिग्गजों द्वारा डिजिटल इकोनोमी में, एक्सट्रैक्शन का दौर अब समाप्त होने जा रहा है। विंज़ो इस बदलाव में अग्रणी है, न सिर्फ हमारे और भारतीय गेमिंग सेक्टर के लिए, बल्कि दुनिया भर के टेक स्टार्ट-अप्स के लिए भी विंज़ो इस बदलाव में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
विंज़ो हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया-सीसीआई) द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना का स्वागत करता है, जिसमें गूगल एलएलसी की प्रस्तावित प्रतिबद्धताओं विंज़ो गेम्स प्रा. लिमिटेड बनाम गूगल एलएलसी एण्ड ओआरएस पर हितधारकों की टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं। हम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में प्रतिस्पर्धा को सुरक्षित रखने के लिए पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं दृढ़ निगरानी हेतु आयोग के सतत प्रयासों की सराहना करते हैं। विंज़ो का कहना है कि गूगल प्लेटफॉर्म के ये व्यवहार अविश्वास के पैटर्न को दर्शाते हैं। दुनिया भर के विनियामकों जैसे यूएस डीओजे, यूरोपियन कमीशन, ऑस्ट्रेलिया में एसीसीसी तथा जापान, फ्रांस, यूके एवं जर्मनी के संगठनों ने विज्ञापन तकनीक पर गूगल के एकाधिकार नियन्त्रण एवं प्रतिस्पर्धा विरोधी आचरण की निंदा की है।
मामले की शुरूआत विंज़ो द्वारा 21 दिसम्बर 2022 को गूगल की विज्ञापन नीति एवं पायलट प्रोग्राम के खिलाफ़ शिकायत के साथ शुरू हुई, जिसके मुताबिक गूगल इकोसिस्टम पर केवल फैंटेसी एवं रमी ऐप्स को अनुमति दी गई थी, जबकि विंज़ो जैसी संवैधानिक रूप से संरक्षित गेमिंग कंपनियों को अनुचित रूप से मार्केट एक्सेस से दूर रखा गया।