गुरुग्राम: एक अन्य प्रयास में, सस्टेनेबिलिटी एडवोकेट सुशील रेड्डी ने छात्रों को ‘सनपेडल राइड’ के माध्यम से शिक्षित किया, जो मुंबई की सड़कों से काजीरंगा वन्यजीव अभयारण्य तक एक क्रॉस-इंडिया ड्राइव थी। 25 से अधिक शहरों और 9,000 किलोमीटर से अधिक का ये अभियान सस्टेनेबल मोबिलिटी/ टिकाऊ गतिशीलता को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के आसपास प्रचलित मिथकों को चुनौती देने के लिए रेड्डी के मिशन में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन साबित हुआ है।
भारत की पहली प्योर इलेक्ट्रिक इंटरनेट एसयूवी- एमजी जेडएस ईवी इस यात्रा का केंद्र है, जो इनोवेशन और पर्यावरण जागरूकता के फ्यूजन का प्रतीक है। इस यात्रा के दौरान श्री रेड्डी ने भारत के विभिन्न इलाकों और संस्कृतियों में ईवीस की स्थायी क्षमता को उजागर किया। काजीरंगा रूट पर सुशील प्रमुख कॉलेजों और संस्थानों में पहुंचे, जहां उन्होंने ईवीस के फायदों पर छात्रों को शिक्षित किया। इसमें प्रमुख रूप से किफायती संचालन और ओनरशिप कॉस्ट, कम कार्बन उत्सर्जन, आरामदायक ड्राइविंग अनुभव, विकसित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी टाइप्स और सेफ्टी समेत कई अन्य आकर्षक लाभ शामिल हैं।
कॉलेज सत्र का समापन एक क्विज़ और एमजी जेडएस ईवी के डेमो के साथ हुआ, जिसकी रेंज 461 किमी* है। इसमें कुछ छात्रों के लिए टेस्ट राइड का अवसर भी शामिल था। इस कार्यक्रम के माध्यम से, सुशील रेड्डी 60 दिनों में 20 विश्वविद्यालयों में 5,000 से अधिक छात्रों के साथ जुड़े।
श्री रेड्डी के अभियान का उद्देश्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की विशेषज्ञता, लागत-प्रभावशीलता/कॉस्ट इफेक्टिवनेस, कम्फर्ट और स्थिरता को कैप्चर करने वाले एक मजबूत नैरेटिव को नेविगेट करना है। साथ ही, हमारे देश के भविष्य यानि युवाओं के माइंड्स को नर्चर करना है। इस यात्रा में हर कदम के साथ, एमजी जेडएस ईवी एक ग्रीन टूमॉरो का मार्ग प्रशस्त करती है, जहां सस्टेनेबिलिटी और एलिगेंस मिलते हैं। श्री रेड्डी लोगों की गलत धारणाओं का समाधान करके और संवाद को बढ़ावा देकर एक सस्टेनेबल फ्यूचर की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वहीं, एमजी मोटर इंडिया अपनी कई पहलों के माध्यम से एक मजबूत ईवी इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।