उपचुनाव और महाराष्ट्र में दिखा मोदी मैजिक
राजस्थान में और अधिक मज़बूत होंगे भजनलाल
(डॉ.सीमा दाधीच) महाराष्ट्र, झारखंड राज्य विधान सभा आम चुनाव के साथ ही राजस्थान की सात सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजों ने एक बार फिर से एनडीए की झोली भर दी जबकि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र और राजस्थान में भाजपा और उसके सहयोगी दलों यानी एनडीए को नुकसान उठाना पड़ा था लेकिन जनता ने फिर से मोदी मैजिक पर मोहर लगा दी है। देश की जनता के जरिए फिर से केंद्र की मोदी सरकार के प्रति विश्वास की मोहर लगी है। राजस्थान में विधान सभा चुनाव के दौरान जिस सलूंबर सीट को भाजपा ने जीता था भाजपा ने उपचुनाव में भी इस सीट को भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) को हराकर फिर से जीत कर आम चुनाव के कब्जे को बरकरार रखा है।साथ ही कांग्रेस से चार सीट भी छीन ली। इस उपचुनाव में प्रतिष्ठा की सीट रही दौसा, झुंझुनूं ओर देवली उनियारा सीट के नतीजों ने भी कांग्रेस को सोचने के लिए मजबूर कर दिया इन तीनों सीटो पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्थानीय विधायकों को टिकट दिया था और तीनों सीट कांग्रेस ने जीती इनमें कांग्रेस केवल दौसा सीट को ही कांग्रेस उपचुनाव में बचा पाई। दौसा का उपचुनाव भाजपा के डा. किरोड़ी लाल ओर कांग्रेस नेता सचिन पायलेट के बीच इज्जत का सवाल बन गया था। भले ही चुनाव डा. किरोड़ी के भाई जगमोहन ने भाजपा टिकट पर लड़ा लेकिन कमान किरोड़ी के हाथ में थी और कांग्रेस ने भी सामान्य सीट पर अनुसूचित जाति के दीनदयाल बैरवा को लड़ाकर चुनाव का रंग बदल दिया। ऐसे ही देवली उनियारा सामान्य सीट पर भी कांग्रेस ने मीणा जाति का प्रत्याशी उतारा और भाजपा ने ओबीसी वर्ग के राजेंद्र गुर्जर को टिकट दिया यहां भी भाजपा ने जीत हासिल कर गुर्जर समाज को अपने साथ कर लिया। सलूंबर सीट को भाजपा ने फिर से बचाकर कीर्तिमान बनाया है इस प्रकार भाजपा 7 मे से पांच सीट जीतकर मोदी सरकार की नीतियो पर विश्वास की मोहर लगाने में कामयाब हो गई है। झुंझुनूं सीट को परम्परागत रूप से काग्रेस और शीशराम ओला परिवार की माना जाता है लेकिन उपचुनाव में भाजपा ने अपनी गुटबाजी को समाप्त कर पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे राजेंद्र भांभू को मैदान में उतारकर शेखावाटी की राजनीति में नई हुंकार भरी हे। सबसे ज्यादा रोचक बात तो यह है कि नागौर से कांग्रेस के समर्थन से आरएलपी के सांसद बने हनुमान बेनीवाल की सीट रही खीवसर पर भाजपा ने रेवतराम डांगा को जीताकर राजस्थान विधान सभा में हनुमान बेनीवाल की आरएलपी का खाता ही बंद कर दिया अब आरएलपी का विधान सभा में एक भी सदस्य नहीं है इससे इस पार्टी के सामने चुनाव आयोग से मान्यता पर भी खतरा आगया है। आदिवासी सीट चौरासी से भारतीय आदिवासी पार्टी,(बाप) को सफलता मिली है वहीं रामगढ़ सीट पर भाजपा ने खुशवंत सिंह को टिकट दिया और सफलता प्राप्त की खुशवंत ने इस सीट से विधायक रहे जुबेर खान के पुत्र कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन जुबेर को हराकर रामगढ़ को भाजपा की झोली में डाला है। अभी तक उपचुनाव में यही देखा गया है कि सत्ता पक्ष को नुकसान होता था लेकिन इस बार यह मिथ्यक टूट गया। इस उप चुनाव के नतीजों से राजस्थान मे भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री भजन लाल ओर अधिक मज़बूत होंगे।इसी प्रकार झारखंड विधान सभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सबसे बड़े दल के रूप में विजय प्राप्त कर क्षेत्रीय दल का महत्व बढ़ाया हैं,लेकिन इस राज्य में भाजपा को नुकसान होने के साथ ही इंडिया गठबंधन को ताकत मिली है। महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में महायुति के दुबारा सत्तासीन होने से यह सन्देश गया है कि जनता ने महाअघाड़ी की मोदी विरोधी मुहिम को महत्व नहीं देकर सुशील कुमार शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस की जोड़ी को फिर से काम करने का अवसर देकर प्रखर हिंदुत्ववाद को स्वीकार किया है। साथ ही बटोगे तो कटोगे के नारे को भी स्वीकार कर लिया। इस चुनाव ने यह भी बता दिया की जनता की नजर में कौनसी असली शिवसेना और कौनसी वास्तविक एनसीपी पार्टी है।