डॉ. सुधीर भंडारी, प्रो चांसलर सीनियर प्रोफेसर, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस, जयपुर का कहना है कि, “मानसून का मौसम फ्लू और जलजनित बीमारियों जैसे संक्रमणों का जोखिम बढ़ाता है, और यह डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने से बचाव के कदम उठाना और डायबिटीज प्रबंधन के लिए एक संतुलित तरीका अपनाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। सक्रिय रहना, पोषण की जरूरतों का ध्यान रखना और ग्लूकोज की लगातार निगरानी करना – यह सब मिलकर आपके शुगर स्तर को नियंत्रित रखने का एक संपूर्ण तरीका बनाता है। सीजीएम जैसी तकनीकें खास तौर पर तब मददगार होती हैं जब बारिश के कारण क्लिनिक जाना संभव न हो।”
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए एक संतुलित तरीका अपनाना जरूरी है। इसमें घर के अंदर सक्रिय रहना, सही खानपान और ग्लूकोज स्तर की निगरानी शामिल है। तकनीक इस संतुलन को बनाए रखने में बहुत मदद करती है। कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) डिवाइस मौसम बदलने पर भी ग्लूकोज की जांच को आसान बनाते हैं, और इसमें उंगली पर प्रिक करने की भी कोई जरूरत नहीं होती।
यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जिन्हें ध्यान में रखकर आप मानसून का आनंद लेते हुए डायबिटीज को नियंत्रित रख सकते हैं: इसमें शामिल है, स्मार्ट खानपान से इम्युनिटी बढ़ाएं, पैरों की अतिरिक्त देखभाल करें ,ब्लड शुगर स्तर की नियमित जांच, घर के अंदर सक्रिय रहें और हाइड्रेटेड रहें हैं:
इन सुझावों के अलावा, डायबिटीज से पीडि़त लोगों को हाइपरग्लाइसीमिया या हाइपोग्लाइसीमिया होने के लक्षणों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और उसका समाधान करना चाहिए। कुल मिलाकर, मानसून में डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए थोड़ी अतिरिक्त सावधानी बरतना सबसे जरूरी है।