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एसएसआई मंत्रा एम ‘मेड इन इंडिया’ सर्जिकल रोबोट यात्रा ने जयपुर में अपने पहले चरण की शुरूआत की

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दिव्यराष्ट्र, जयपुर: भारत के पहले और एकमात्र स्वदेश में विकसित सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम एसएसआई मंत्रा ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की, क्योंकि एसएसआई मंत्रा एम ‘मेड इन इंडिया’ सर्जिकल रोबोट यात्रा ने जयपुर में अपने पहले चरण की शुरूआत की है। 2 जुलाई को इस अग्रणी मोबाइल टेली-रोबोटिक सर्जरी युनिट को हरियाणा सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री राव नारबीर सिंह ने गुरूग्राम से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया था, जो आज सुबह जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज पहुंच गई। भारत की पहली मोबाइल टेली-रोबोटिक सर्जरी युनिट को देखने के लिए डॉक्टर, मेडिकल के छात्र, हेल्थकेयर कर्मचारी एवं आम लोग बड़ी संख्या में यहां इकट्ठा हुए। यह विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया व्हीकल दर्शाता है कि किस तरह आधुनिक रोबोटिक सर्जरी को रिमोट तरीके से भी गाईड किया जा सकता है।

इस अवसर पर डॉ. प्रभा ओम- एचओडी, जनरल सर्जरी विभाग, एसएमएस अस्पताल, डॉ. मोनिका जैन- अतिरिक्त प्राचार्य, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, डॉ. सुरेश सिंह, एचओडी, ऑन्को सर्जरी विभाग, एसएमएस अस्पताल एवं डॉ. प्रवीण माथुर- वरिष्ठ सर्जन, पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग उपस्थित रहे।

विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए एसएसआई मंत्रा एम युनिट को देश भर के मेडिकल प्रोफेशनल्स को एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम का प्रत्यक्ष एवं व्यवहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है। यह मोबाइल युनिट एक व्यवहारिक प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म की तरह काम करती है और रोबोटिक सिस्टम की क्षमता का डेमो देकर प्रोफेशनल्स को इसकी क्षमता को समझने में सक्षम बनाती है। 4 जुलाई को भी एसएसआई मंत्रा एम मोबाइल टेली-रोबोटिक सर्जरी युनिट को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर में रखा जाएगा, जहां दिन भर इसकी आधुनिक टेली-रोबोटिक सर्जिकल क्षमता का प्रदर्शन होगा।

जयपुर में प्रभावशाली लॉन्च के बाद एसएसआई मंत्रा एम ‘मेड इन इंडिया’ सर्जिकल रोबोटिक यात्रा पूरे राजस्थान में जारी रहेगी। यात्रा का अगला पड़ाव होगा एम्स जोधपुर, जहां 5 जुलाई को स्थानीय मेडिकल कम्युनिटी के लिए व्यवहारिक गतिविधियों एवं लाईव डेमोन्स्ट्रेशन्स का आयोजन किया जाएगा। 6 जुलाई को यह रोडशो रफकोन पहुंचेगा, जिसके बाद शाम को मथुरा दास माथुर मेडिकल कॉलेज का दौरा करेगा, जहां 7 जुलाई को लाईव डेमो और प्रशिक्षण सत्र होंगे। 8 जुलाई को राजस्थान लैग का समापन अजमेर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में होगा, इसके बाद यह यात्रा उसी शाम जयपुर लौटेगी। इसके साथ ऐतिहासिक राष्ट्रीय यात्रा का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा होगा।

1500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए यात्रा का पहला चरण राजस्थान में 500 से अधिक डॉक्टरों को प्रशिक्षण एवं लर्निंग के अवसर प्रदान करेगा। एसएसआई मंत्रा एम यात्रा भारत की पहली इनीशिएटिव है जो रोबोटिक सर्जिकल प्रशिक्षण को सीधे अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में लेकर आई है। इस इंटरैक्शन के ज़रिए एसएस इनोवेशन्स डॉक्टरों, सर्जनों एवं मेडिकल छात्रां को आधुनिक सर्जिकल तकनीकों के बारे में कौशल एवं ज्ञान प्रदान कर रहा है ताकि इस आधुनिक तकनीक के अडॉप्शन और सुलभता को अधिक से अधिक बढ़ाया जा सके।

मंत्रा एम ‘मेड इन इंडिया’ सर्जिकल रोबोट यात्रा के अखिल भारतीय दौरे पर बात करते हुए डॉ सुधीर श्रीवास्तव, संस्थापक चेयरमैन एवं सीईओ, एसएस इनोवेशन्स ने कहा, ‘‘ हेल्थकेयर इनोवेटर होने के नाते एसएसआई मंत्रा एम यात्रा को राजस्थान लाना मेरे लिए बहुत अधिक मायने रखता है, यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मैं इसी धरती से जुड़ा हूं। इस यात्रा का पहला चरण जयपुर से शुरू करना, इस धरती के प्रति मेरा सम्मान है, क्योंकि यहां मेरा जन्म हुआ है। यह यात्रा एक तकनीकी उपलब्धि से कहीं बढ़कर है। यह आधुनिक सर्जिकल देखभाल को देश के हर कोने और हर व्यक्ति तक एक समान रूप से पहुंचाने का मिशन है। हर शहर में हमारी पहुंच, हेल्थकेयर डिलीवरी में सकारात्मक बदलाव लाने की एसएस इनोवेशन्स की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।’’

इस पहल पर बात करते हुए डॉ दीपक माहेश्वरी, सीनियर कार्डियोलोजिस्ट, प्रिंसिपल एंड कंट्रोलर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, जयपुर ने कहा, ‘‘यह बेहद गर्व की बात है कि एसएसआई मंत्रा एम सर्जिकल रोबोट यात्रा एसएमएस मेडिकल कॉलेज पहुंच गई है। यह पहल न सिर्फ भारतीय इनोवेशन की क्षमता को दर्शाती है, बल्कि डॉक्टरों एवं मेडिकल छात्रों को सर्जरी के भविष्य की पहली झलक भी दिखाती है। हमें गर्व है कि हम इस ऐतिहासिक यात्रा का पहला पड़ाव हैं और विश्वास है कि यह यात्रा देश भर के चिकित्सा संस्थानों में रोबोटिक टेक्नोलॉजी के अडॉप्शन को बढ़ाने में कारगर होगी।’’

भारतबेंज़ 1824 चेसीज़ पर निर्मित एसएसआई मंत्राएम का ग्रॉस व्हीकल वेट रेटिंग 18500 किलोग्राम है, इसकी लंबाई 11.9 मीटर, चौड़ाई 2.59 मीटर और उंचाई 3.49 मीटर है। रोबोटिक सिस्टम के अलावा पूर्णतया संशोधित व्हीकल की कीमत तकरीबन रु 1.3 करोड़ है।

एसएसआई ने सोच-समझ कर पूरी बस संरचना को कस्टम-डिज़ाइन किया है, जिसमें वाइब्रेशन को न्यूनतम करने और रोबोटिक सिस्टम को सुरक्षित बनाने के लिए बेस एवं लॉकिंग प्रणाली शामिल है। एक्चुएटर-बेस्ड पेशेंट साईड कार्ट सटीकता और स्थिरता देते हैं, वहीं कस्टम पावर और डेटा सर्कुटरी सुगम संचालन को सुनिश्चित करते हैं। एक्सपेंडेबल केबिन स्पेस में सर्जरी से जुड़े ज़रूरी सामान रहते हैं और एयर सस्पेंशन सिस्टम सड़क पर वाइब्रेशन को कम कर संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को सुरक्षित करता है। निर्धारित माउंटिंग पॉइन्ट्स एवं लॉकिंग सिस्टम इक्विपमेन्ट इंटीग्रेशन को सुनिश्चित करता है, वहीं वेंटीलेटेड, एयर-कंडीशन्स लेआउट परिस्थितियों को 21°C ± 3°C और 55% RH पर अनुकूल बनाए रखता है। सिस्टम ईएमआई/ईएमसी- कम्प्लायन्ट है जो इलेक्ट्रिकल इंटरफेरेंस को रोकता है।

वंचित क्षेत्रों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया एसएसआई मंत्रा एम बैकअप पावर सिस्टम से युक्त है, इसमें ऑनबोर्ड 5किलोवॉट एम्पियर जनरेटर, एक्सटर्नल पावर कम्पेटिबिलिटी शामिल हैं जो रिमोट लोकेशन में भी टेलीसर्जरी की निर्बाध क्षमता को सुनिश्चित करती है। इसका 380 लीटर का ईंधन टैंक लम्बी यात्रा को सुनिश्चित करता है, तथा ग्रामीण एवं दूर-दराज के इलाकों में परिवहन को आसान बनाता है। इस युनिट में एक ड्राइवर केबिन, मल्टीपल एक्सेस पॉइन्ट्स और उपकरणों के सुरक्षित मुवमेन्ट के लिए विशेष रैम्प भी है।

एसएसआई मंत्रा एम इनोवेशन और प्रेसीज़न इंजीनियरिंग के माध्यम से हेल्थकेयर में बदलाव लाने की एसएस इनोवेशन्स की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सैटेलाईट आधारित रिमोट प्रक्रिया से लेकर सभी सुविधाओं से युक्त सर्जिकल युनिट्स तक  अपनी क्षमता में निरंतर सुधार लाते हुए एसएसआई ने मोबाइल हेल्थकेयर की संभावनाओं को पूरी तरह से बदल डाला है। यह पहल सिर्फ टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं है यह सभी बाधाओं को दूर कर जीवनरक्षक, विश्वस्तरीय सर्जिकल केयर को सबसे सुदूर इलाकों में भी सुलभ बनाती है।

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