हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा पेश किया गया बजट शहरी विकास, ऊर्जा को सुलभ बनाने, बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने की राजस्थान सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार ने इसके तहत कई घोषणाएं की हैं जैसे परिवारों के लिए 150 युनिट मुफ्त बिजली, 5 लाख नए डोमेस्टिक कनेक्शन और 50,000 नए कृषि कनेक्शन।
बजट पर बात करते हुए श्री डी.डी. अग्रवाल, डायरेक्टर, समता पावर ने कहा, “जहां एक ओर राज्य सरकार ने इस बजट में सही दिशा में कदम बढ़ाए हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान के विकास को सुनिश्चित करने हेतु आम जनता के लिए विद्युत की भरोसेमंद, गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है।”
विद्युत आपूर्ति श्रृंखला में वितरण ट्रांसफॉर्मर मुख्य भूमिका निभाते हैं, ऐसे में विद्युत की निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करने और वितरण प्रणाली को सक्षम बनाए रखने के लिए इनका भरोसेमंद होना ज़रूरी है। सीईए की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में छह महीने में तकरीबन 1.25 लाख ट्रांसफॉर्मर खराब हो जाते हैं। बुरी गुणवत्ता के ट्रांसफर की वजह से न सिर्फ विद्युत की आपूर्ति में रूकावट आती है, बल्कि डिस्कॉम्स एवं उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। उदहारण के लिए 25 किलोवॉट एम्पीयर क्षमता का ट्रांसफॉर्मर खराब होने पर मरम्मत में तकरीबन 10,000 रुपये प्रति युनिट लागत आती है। बड़े पैमाने पर इस तरह के फेलियर से छह महीनों के भीतर 100 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है। यह शुल्क टैरिफ़ के रूप में उपभोक्ताओं से ही वसूला जाता है, जिससे उन्हें किफ़ायती और भरोसेमंद विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने में रूकावट आती है।
इन चुनौतियों को हल करने के लिए विद्युत वितरण के बुनियादी ढांचे को अच्छी गुणवत्ता के अवयवों के साथ आधुनिक बनाना ज़रूरी है। विद्युत वितरण प्रणाली के लिए अवयवों का चुनाव सोच-समझ कर करना चाहिए, जो न सिर्फ प्रभावी बल्कि लम्बी दौड़ में स्थायी भी हों। ट्रांसफॉर्मर के लिए कॉपर मुख्य अवयव है, क्योंकि इस धातु की विद्युत संचालन क्षमता बहुत अच्छी होती है। ऐसे में कॉपर के इस्तेमाल से बिना नुकसान के विद्युत के भरोसेमंद संचरण को सुनिश्चित किया जा सकता है। इसके अलावा ऐसे मटेरियल को अपनाना चाहिए जो टिकाउ हो और ज़्यादा लोड को झेल सके, ताकि शॉर्ट सर्किट जैसी समस्याएं न हों। वैज्ञानिक अध्ययनों से साफ हो चुका है कि अच्छी गुणवत्ता की सामग्री इस्तेमाल करने से ट्रांसफॉर्मर के समय से पहले खराब होने से रोका जा सकता है, और परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को ज़्यादा टैरिफ़ से बचाया जा सकता है।
यूटिलिटी प्लानर को कुछ बातों पर विचार करना चाहिएः क्या छह महीने के भीतर 1 लाख ट्रांसफॉमर्स का खराब होना और इन्हें बदला जाना उचित है या बेहतर होगा कि 15-20 फीसदी अधिक लागत के साथ इनमें अच्छी सामग्री का इस्तेमाल किया जाए? निश्चित रूप से शुरूआत में छोटी बचत के बजाए लम्बे समय का फायदा ही उचित होगा।