
वृंदावन,, दिव्यराष्ट्र/वृंदावन की कुंज गलियों में जब एकाएक 10 से 15 किलोमीटर क्षेत्र में रातों-रात बाढ़ का पानी भर गया, तब चारों ओर हाहाकार मच गया। लोगों की मदद के लिए कोई सहारा नजर नहीं आ रहा था। इसी भीषण त्रासदी के समय में राधे रानी के परम भक्त संत प्रेमानंद महाराज संकट मोचक बनकर सामने आए।
केली कुंज की प्रेरणा से, महाराज श्री के सेवक एवं केली कुंज परिवार के सदस्यों ने नावों के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचकर प्रसाद वितरण किया। यह दृश्य ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो भगवान श्रीकृष्ण ने एक बार फिर गोवर्धन पर्वत उठा लिया हो, और अपने भक्तों की रक्षा कर रहे हों।महाराज प्रेमानंद जी के आचार-विचार और सेवाभाव से आज संपूर्ण विश्व लाभान्वित हो रहा है, और अब इस त्रासदी की घड़ी में वृंदावनवासी भी उनके दिव्य सेवाकार्य से लाभान्वित हो रहे हैं।
जनमानस की श्रद्धा और विश्वास स्वामी जी के प्रति देखते ही बनती है। यह संपूर्ण सेवा कार्य उनकी करुणा और भक्तों के प्रति उनकी निष्ठा का प्रत्यक्ष प्रमाण है।