Home हेल्थ रोबोट-एसिस्टेड फंक्शनल ब्रेस्ट प्रिजवेर्शन सर्जरी से होगा बेहतर इलाज

रोबोट-एसिस्टेड फंक्शनल ब्रेस्ट प्रिजवेर्शन सर्जरी से होगा बेहतर इलाज

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दिव्यराष्ट्र, जयपुर: ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहीं महिलाओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब जयपुर में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए देश के गिने चुने रोबोट-एसिस्टेड फंक्शनल ब्रेस्ट प्रिजवेर्शन सर्जन डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा की नियमित रूप से ओपीडी सेवाएं शहर के सीके बिरला हॉस्पिटल में उपलब्ध होंगी। गुरुवार को हॉस्पिटल में हुई प्रेस वार्ता में डॉ. मनदीप ने इस नई तकनीक से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी। डॉ. मनदीप की ओपीडी प्रत्येक माह के चौथे गुरुवार को दोपहर 12 से 2 बजे तक होगी।

इस तरह काम करती है नई तकनीक – डॉ. मनदीप ने बताया कि हमारे खास रोबोट द विंची की मदद से यह सर्जरी की जाती है। रोबोट-एसिस्टेड फंक्शनल ब्रेस्ट प्रिजवेर्शन सर्जरी में, रोबोट को कांख से स्तन में डाला जाता है जो टिश्यू को हटाकर ब्रेस्ट का रिकंस्ट्रक्शन करता है। इस प्रक्रिया में ब्रैस्ट स्किन और निप्पल दोनों का बचाव होता है,  उसे भी सुरक्षित किया जाता है। इस सर्जरी के बाद ब्रेस्ट पहले की तरह प्राकृतिक ही रहते हैं और उनमें पूरी सेंसेशन को भी सुरक्षित रखा जाता है।

नई तकनीक से कई फायदे –  रोबोट-एसिस्टेड फंक्शनल ब्रेस्ट प्रिजवेर्शन सर्जरी से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने में कई फायदे हैं। डॉ. मनदीप ने जानकारी दी कि पहले ब्रेस्ट कैंसर होने पर पूरा ब्रेस्ट हटाना पड़ता था। यह किसी भी उम्र की महिला के लिए बड़ा मानसिक आघात की तरह होता था। नई तकनीक से अब रोबोट की मदद से ब्रेस्ट को बचाते हुए छोटे चीरे से ही सर्जरी हो जाती है और कैंसर की गांठ निकाल ली जाती है। इस तकनीक से सर्जरी में अंदरूनी संरचना को स्पष्टता से देखा जा सकता है और चीरों का साइज़ भी काफी कम होता है। साथ ही ब्रेस्ट की त्वचा और निप्पल को बचाने से ब्रेस्ट सेंसेशन पहले की तरह बनी रहती है, और इस तरह स्तनों में पहले जैसा अहसास रहता है। रोबोट की मदद से यह सर्जरी काफी आसान होती है।

महिलाओं में कैंसर के कुल मामलों में 26.6 प्रतिशत केस ब्रेस्ट कैंसर के – सीके बिरला हॉस्पिटल की सीनियर ब्रेस्ट एंड एंडोक्राइन सर्जन डॉ. अनुकृति सूद ने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा पाए जाने वाला कैंसर है। महिलाओं में कैंसर के करीब 26.6 प्रतिशत मामले स्तन कैंसर के ही पाए गए हैं, जो वाकई चिंता का विषय है। हर साल स्तन कैंसर के कुल मरीजों में से 13.7 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु हो जाती है।  2022 में 192,020 नए मामले सामने आए थे। महिलाओं में कैंसर से होने वाली मृत्यु में ब्रेस्ट कैंसर सबसे बड़ा कारण है।

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