उपसहाचार्य विरचित श्रीमातङ्गी एवं वैद्यनाथ भट्टमते काव्यप्रदीप प्रभा का गोनेर स्थित सत्यायतन पहाड़ी बाबा आश्रम में भुवनेश्वरानंद महाराज के हाथों से विमोचन किया गया। 10 महाविद्याओं में मातंगी की उपासना विशेष रूप से वाक् सिद्धि के लिए की जाती है। संपादक डॉ मनीषा शर्मा ने बताया कि श्री मातंगी स्त्रोत का प्रकाशन पंडित मोतीलाल जोशी प्राच्य विद्या अनुसंधान केंद्र व राजस्थान शिक्षक प्रशिक्षण विद्यापीठ द्वारा किया गया है। मातंगी स्त्रोत का एक पाठ य मुनि जिन विजय श्री ने राजस्थान पुरातन ग्रंथ माला के माध्यम से प्रकाशित किया था इस पाठ को मूल पाठ मानकर कुछ पाठ भेदों के अंतर को दूर कर स्वतंत्र रूप से माता के संपूर्ण स्वरूप का श्री मातंगी स्रोत में संपूर्ण वर्णन किया गया है।
वैद्यनाथ भट्ट ने प्रदीप टीका की टीका के रूप में काव्य प्रदीप प्रभा की रचना की। मम्मत कृत काव्यतत्वालोचन की समालोचना के साथ स्वमंतव्य की प्रस्तुतीकरण एवं काव्य तत्वालोचन संदर्भित महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान तथा विविध शंकाओं के निराकरण की दृष्टि से वैद्यनाथ भट्ट कृत प्रभा टीका पठनीय है। इसका प्रकाशन विश्व गुरुदीप आश्रम शोध संस्थान द्वारा किया गया है। राष्ट्रपति सम्मानित देवर्षि कलानाथ शास्त्री ने सपत्नीक एवं प्राच्य विद्यामनीषी पंडित महेशदत्त शर्मा द्वारा प्रकाशन पर बधाई दी। इस अवसर पर विद्यापीठ सचिव डॉ राजकुमार जोशी, डॉ सुभद्रा जोशी,डॉ राजपाल शर्मा सहित अनेक विशिष्ठ जन उपस्थित रहे।