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सर्दियों में प्रसव के बाद माँ और नवजात शिशु की देखभाल

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जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ सर्दियों में बच्चे का जन्म होना जितना खुशी का समय होता है, उतना ही यह माँ और नवजात शिशु के लिए सावधानी बरतने का समय भी होता है। ठंड के मौसम में माँ और बच्चे की सेहत पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि इस समय ठंड से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

प्रसव के बाद माँ की देखभाल-

डॉ. प्रिया गुप्ता,सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, कोकून हॉस्पिटल, जयपुर के अनुसार, ठंड के मौसम में माँ का शरीर प्रसव के बाद कमजोर हो जाता है और उसे विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। सर्दियों में ठंड से जुड़ी बीमारियां, जैसे सर्दी, खांसी और बुखार, जल्दी हो सकती हैं। इसलिए माँ को ऐसे कपड़े पहनने चाहिए, जो शरीर को पूरी तरह से ढकें और शरीर को गर्म रखें। ऊनी कपड़े, टोपी, मोजे और दस्ताने पहनना ठंड से बचने में मददगार होता है। यदि कमरे में ब्लोअर या हीटर चल रहा हो, तो नमी बनाए रखने के लिए एक बाल्टी में पानी भरकर रखें और कुछ गीले तौलिए रखें। ठंडे मौसम में गरम और पौष्टिक भोजन, जैसे घी, सूखे मेवे, बाजरा रोटी, और गुड़ का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। डाइट में गरम सूप, दाल, और हरी पत्तेदार सब्जियाँ भी शामिल करना चाहिए, क्योंकि ये न सिर्फ ऊर्जा देती हैं, बल्कि शरीर को अंदर से गर्म भी रखती हैं। माँ को पर्याप्त मात्रा में पानी और गरम पेय पदार्थ, जैसे हर्बल चाय आदि पीना चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे औऱ पानी की कमी ना हो। सर्दियों में ठंड से बचने के लिए माँ को गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। नहाने के तुरंत बाद शरीर को अच्छी तरह से सुखाना और गरम कपड़े पहनना जरूरी है। प्रसव के बाद माँ के आराम और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है। पर्याप्त नींद और हल्की मालिश से माँ का शरीर जल्दी ठीक होता है और तनाव भी कम होता है।

नवजात शिशु की देखभाल-

डॉ. मनीष मित्तल, सीनियर नियोनेटोलॉजिस्ट, कोकून हॉस्पिटल, जयपुर के अनुसार, प्रसव के बाद नवजात शिशु की देखभाल में सर्दियों के मौसम में विशेष सावधानी बरतना बहुत जरूरी होता है। नवजात का शरीर बहुत नाजुक और संवेदनशील होता है, इसलिए ठंड से उनका बचाव करना चाहिए। बच्चे को हमेशा गर्म कपड़ों में लपेटें, लेकिन यह ध्यान रखें कि उन्हें बहुत अधिक कपड़े पहनाने से पसीना आ सकता है, जो ठंड लगने का कारण बन सकता है। सिर, पैर, और हाथों को ढकने के लिए टोपी, मोजे और दस्ताने जरूर पहनाएं। कमरे का तापमान गर्म और आरामदायक बनाए रखें। सर्दियों में शिशु को ठंडी हवा से बचाना चाहिए। नवजात को नियमित रूप से माँ का दूध पिलाना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह उन्हें ठंड से बचाने और उनके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। माँ के दूध में मौजूद पोषक तत्व शिशु को सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों से बचाते हैं। यदि परिवार के किसी सदस्य को खांसी या जुकाम हो, तो उसे मास्क पहनने के लिए कहें और बच्चे से दूर रहने की सलाह दें। बच्चे को धूप दिखाने के लिए बाहर की हवा में न ले जाएं। खिड़की से आने वाली धूप में ही बच्चे को रखें। सर्दियों में बच्चे की मालिश के लिए गुनगुने नारियल तेल का इस्तेमाल करें। यह उनकी त्वचा को नमी देने के साथ-साथ रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है, जिससे उनका शरीर गर्म रहता है। मालिश के बाद शिशु को गुनगुने पानी से नहलाना चाहिए। नहलाने के तुरंत बाद उन्हें गर्म कपड़ों में लपेटना चाहिए। साथ ही नियमित रूप से उनके डायपर बदलते रहना चाहिए ताकि ठंडे और गीले कपड़ों से बचा जा सके।

इसके साथ ही डॉक्टर से नियमित चेकअप भी बेहद जरूरी हैं ताकि माँ और बच्चे की सेहत सही बनी रहे। सर्दियों में प्रसव के बाद देखभाल पर ध्यान देकर माँ और बच्चे दोनों को स्वस्थ रखा जा सकता है।

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