Home एजुकेशन जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी में “वर्तमान एनडीए सरकार के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनर्संयोजन”...

जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी में “वर्तमान एनडीए सरकार के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनर्संयोजन” विषय पर मीडिया कॉन्क्लेव आयोजित

55 views
0
Google search engine

जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ जयपुर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, जेईसीआरसी विश्वविद्यालय ने “वर्तमान एनडीए सरकार के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनर्संयोजन” विषय पर एक आर्थिक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में जयपुर के प्रमुख संस्थानों जैसे राजस्थान विश्वविद्यालय, मणिपाल विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, एलएमएनआईटी, आईआईएस विश्वविद्यालय और एसएसजी पारीक कॉलेज के प्रख्यात प्रोफेसरों ने भाग लिया।

डॉ. रविंदर कौर, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, जयपुर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ने अतिथियों का स्वागत किया और स्कूल का परिचय दिया। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के प्रेजिडेंट प्रो. विक्टर गंभीर ने किया। प्रो. एन.डी. माथुर, डीन, जयपुर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने कार्यक्रम के विषय से अतिथियों को अवगत कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. राजीव जैन, पूर्व कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय ने की। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. निरंकार ने की, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले मैक्रोइकोनॉमिक वेरिएबल्स पर प्रकाश डाला।

राजस्थान इकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर उम्मेद सिंह और डॉ. एस.एस. नेहरा ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और भारतीय अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र के महत्व पर बल दिया, जो इसकी वृद्धि के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान एनडीए सरकार के तहत आर्थिक चुनौतियों का सामना करने और अवसरों का लाभ उठाने पर अंतर्दृष्टि, सिफारिशें और चर्चा प्रदान करना था।

पैनल चर्चा की शुरुआत प्रोफेसर निरंकार श्रीवास्तव, नॉर्दर्न हिल्स यूनिवर्सिटी, शिलांग से हुई। उन्होंने राजकोषीय घाटा, जनसांख्यिकीय लाभांश, निर्यात में वृद्धि, बेरोजगारी, कम आर्थिक वृद्धि, घरेलू बचत में कमी और सामाजिक सुरक्षा जैसे मैक्रोइकोनॉमिक वेरिएबल्स पर जोर दिया। मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर से डॉ. मोनिका माथुर ने स्टार्टअप्स, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स, एनपीए में सुधार, दिवालियापन संहिता, श्रम बल की भागीदारी, निजी निवेश की कमी, आर्थिक असमानता और मानव पूंजी विकास पर कम खर्चे पर जोर दिया।

प्रो. जे.एन. शर्मा ने इकोनोमेट्रिक विश्लेषण किया और वर्तमान एनडीए सरकार के संतोषजनक प्रदर्शन का निष्कर्ष निकाला। प्रो. उम्मेद सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के लिए विनिर्माण क्षेत्र के कामकाज पर बल दिया। उन्होंने राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान केंद्रित किया। नेहरा सर ने भी विनिर्माण क्षेत्र पर गहरा जोर दिया।

डॉ. नसीब सिंह ने ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में धन के निकासी और बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डाला। एसोसिएट प्रोफेसर रीमा सिंह ने निष्कर्ष निकाला कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया गया है और सरकार से उनकी अपेक्षा पूरी नहीं हुई हैं। डॉ. रश्मि गुप्ता ने डिजिटल प्रगति पर जोर दिया जो भारतीय आर्थिक विकास की रीढ़ है। प्रो. डी.पी. मिश्रा ने विस्तार से बताया कि अमेरिका समृद्ध हो रहा है क्योंकि यह एक शोध आधारित अर्थव्यवस्था है। कार्यक्रम में भारत के समावेशी आर्थिक भविष्य को आकार देने के लिए विविध दृष्टिकोणों के लिए एक मंच प्रदान किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here