दिव्यराष्ट्र, मुंबई: भारत की प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड (एलटीएफ) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की 30 जून 2025 को समाप्त हुई पहली तिमाही में 701 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड कर पश्चात लाभ दर्ज किया है, जो कि तिमाही-दर-तिमाही 10 प्रतिशत और वर्ष-दर-वर्ष 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी तिमाही में कंपनी ने अब तक की सर्वाधिक कंसोलिडेटेड बुक 1,02,314 करोड़ रुपये की उपलब्धि भी हासिल की है, जो 15 प्रतिशत वर्ष दर वर्ष की वृद्धि है। इस तिमाही में कंपनी की रिटेल बुक 99,816 करोड़ रुपये तक पहुंची, जिसमें 18 प्रतिशत की वर्ष दर वर्ष वृद्धि देखी गई। वहीं, 30 जून 2025 को समाप्त तिमाही में रिटेल लोन डिस्बर्समेंट 17,522 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। रिटेलाइजेशन 98 प्रतिशत तक पहुँच गया है, जो कंपनी के ‘लक्ष्य 2026’ को पहले ही पार कर चुका है।
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स और फिच रेटिंग्स ने एलटीएफ को पहली बार इन्वेस्टमेंट ग्रेड क्रेडिट रेटिंग प्रदान की है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एलटीएफ को ” बीबीबी -” लॉन्ग टर्म और “ए-3″ शॉर्टटर्म जारीकर्ता क्रेडिट रेटिंग प्रदान की है। लॉन्ग टर्म रेटिंग का परिदृश्य सकारात्मक है। फिच रेटिंग्स ने एलटीएफ को दीर्घकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा जारीकर्ता डिफ़ॉल्ट रेटिंग (आईडीआर) ” बीबीबी -” और स्टेबल आउटलुक प्रदान किया है। ये दीर्घकालिक रेटिंग इन्वेस्टमेंट ग्रेड की हैं और भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग के समतुल्य हैं। इससे कंपनी वैश्विक पूंजी बाजारों का लाभ उठा सकेगी, अपनी देयता फ़्रैंचाइज़ी में और विविधता ला सकेगी और निवेशक आधार को और गहरा कर सकेगी।
वित्तीय परिणामों पर टिप्पणी करते हुए एलटीएफ के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्री सुदीप्तारॉय ने कहा, “एक चुनौतीपूर्ण तिमाही में, हमारी कंपनी ने परिणामों पर ध्यान केंद्रित रखा। बाजार की चुनौतियों का सामना करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए हमने बेहतरीन प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन तकनीक और मज़बूत रोबस्ट क्रेडिट गार्डरेल्स द्वारा समर्थित, ऋण-योग्य ग्राहकों को खोजने की हमारी प्रतिबद्धता और व्यवसायों में संग्रह दक्षता पर ज़ोर देने के हमारे संकल्प का परिणाम है। हमारा ज़ोर जोखिम-संतुलित व्यावसायिक विकास पर बना हुआ है, जिसमें मज़बूत परिसंपत्ति गुणवत्ता पर हमारा विशेष ध्यान केंद्रित है, जो भविष्य में एक स्थायी और पूर्वानुमानित विकास की नींव रखता है।”