भारतीय टायर उद्योग की प्रमुख कंपनी, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जेके टायर) ने आज वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के लिए अपने अनऑडिटेड परिणामों की घोषणा की। इस दौरान जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 3,694 करोड़ रुपये के समेकित राजस्व पर कर पूर्व लाभ 80 करोड़ रुपये एवं कर पश्चात लाभ 57 करोड़ रुपये का अर्जित किया है।
परिणामों पर टिप्पणी करते हुए, चेयरमैन एण्ड मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) डॉ. रघुपति सिंघानिया ने कहा, “तिमाही के दौरान जेके टायर ने रिप्लेसमेंट बाजार में अच्छी वृद्धि देखी। कच्चे माल की बढ़ती लागत, विशेष रूप से प्राकृतिक रबर ने मार्जिन को प्रभावित किया, जिसे कुछ हद तक कुछ मूल्य संशोधनों और लागत अनुकूलन द्वारा समायोजित किया गया। भविष्य को देखते हुए, रिप्लेसमेंट मार्केट में मांग आशाजनक है, और ओईएम सेक्टर रिकवरी की राह पर है। इसके अलावा, रुपया/डॉलर समता को देखते हुए निर्यात बाजार में नए अवसर मिल रहे हैं।
जेके टायर सभी खंडों में अपने उत्पाद रेंज के प्रीमियमाइजेशन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो लाभप्रदता में सहायक होगा ।
जेके टायर की सहायक कंपनियों, कैवेंडिश इंडस्ट्रीज लिमिटेड (सीआईएल) और जेके टॉर्नेल, मैक्सिको ने कंपनी के समग्र राजस्व और लाभप्रदता में सशक्त योगदान देना जारी रखा।
डॉ. सिंघानिया ने आगे कहा कि, हमारी डिजिटल परिवर्तन यात्रा के एक हिस्से के रूप में, हमने हाल ही में एक डिजिटल और एनालिटिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीएनए सीओई) की स्थापना की है, जो डेटा संचालित परिचालन दक्षता और नवाचार को मजबूत करने में मदद करेगा।
जेके टायर भारत की पहली टायर कंपनी है जिसने इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) के साथ सस्टेनेबिलिटी लिंक्ड लोन (एसएलएल) के लिए समझौता किया है, जो “ग्रीन एंड ट्रस्टेड मोबिलिटी पार्टनर” बनने के अपने विजन के अनुरूप एक स्थायी भविष्य को आकार देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।