Home एजुकेशन जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी बनी टॉपर्स की पहली च्वाइस; 52% स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप

जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी बनी टॉपर्स की पहली च्वाइस; 52% स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप

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– जर्नलिज्म, हॉस्पिटैलिटी, फॉरेंसिक साइंस, डिजाइन, ह्यूमनिटीज और लॉ जैसे नॉन-इंजीनियरिंग कोर्स में  बढा रुझान

जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी अब टॉपर्स की पहली च्वाइस बन गई है। इंजीनियरिंग में एक ओर जहां औसतन 76 प्रतिशत से अधिक मार्क्स वाले स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया है, वहीं नॉन-इंजीनियरिंग के विभिन्न पाठ्यक्रमों जैसे जर्नलिज्म, हॉस्पिटैलिटी, डिजाइन, ह्यूमनिटीज और लॉ में औसतन 72 प्रतिशत से अधिक मार्क्स वाले स्टूडेंट्स ने एडमिशन कराया है। अब तक हुए एडमिशंस में से 52 प्रतिशत से अधिक स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप मिल चुकी है। उल्लेखनीय है कि यह स्कॉलरशिप कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत या उससे अधिक मार्क्स लाने वाले स्टूडेंट्स को ही मिलती है। इस बार के एकेडमिक सेशन में न सिर्फ प्रतिभावान स्टूडेंट्स का बैच तैयार होगा बल्कि देश के लगभग 28 राज्यों से स्टूडेंट्स यहां पढ़ने के लिए पहुंचेंगे।

जेईसीआरसी विद्यार्थियों के पढ़ाई के साथ उनकी मेन्टल हेल्थ पर भी ध्यान दिया जाता है इसके लिए जेईसीआरसी का  एम्पॉवर सेल  इसके लिए लगातार काम कर रहा हैं  जिसका मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स के मेन्टल वेलबीइंग, आत्म अन्वेषण और इनर पीस पर ध्यान देना हैं साथ ही  एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार करना हैं जिससे की  हर कोई एक दूसरे से मेंटल हेल्थ के बारे में बेझिझक बात कर सकें।

वहीं इस बार फॉरेंसिक साइंस में भी स्टूडेंट्स का रुझान देखा जा रहा हैं फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई  करने से छात्रों को सोचने और चीजों का विश्लेषण करने की क्षमता बढ़ती है, जो कई क्षेत्रों में काम आ सकती है। यह उन लोगों के लिए भी अच्छा विकल्प है जो न्याय व्यवस्था में काम करना चाहते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं।

जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के वाइस चेयरपर्सन अर्पित अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान ऐसा राज्य है जो बेहतर कनेक्टिविटी सुविधा दे रहा है और स्टूडेंट्स की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है इसलिए देश के विभिन्न कोने से स्टूडेंट्स यहां पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं। जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी उनके सपने को साकार करने में मदद कर रहा है। यदि पिछले पांच साल के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 10,000 प्लेसमेंट्स ऑफर मिल चुके हैं। इससे देश भर में शिक्षा और प्लेसमेंट के मामले में जयपुर और राजस्थान की एक अलग पहचान बन रही है। जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी में कैंपस रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग के दौरान स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स के द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही, दुनिया के बेस्ट एचआर लीडर्स स्टूडेंट्स की मेंटरिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि सीआरटी से जहां स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में मदद मिल रही है वहीं एचआर टॉक के माध्यम से वह अपने व्यक्तित्व में भी निखार ला रहे हैं। यही कारण रहा है कि जेईसीआरसी के स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट पाने में कामयाबी मिली है। न सिर्फ इंजीनियरिंग बल्कि नॉन-इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को भी बेहतरीन पैकेज मिले हैं। अमेजन, एचपी, आईबीएम, सेल्सफोर्स, रामबाग पैलेस, फेयरमॉन्ट, हयात रिजेंसी, फोनिक्स लीगल, लॉ ऑरबिट, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर व टाइम्स ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों में विद्यार्थियों का अच्छे पैकेज पर चयन हुआ है।

जेईसीआरसी के दोनों संस्थानों में 16000 से ज़्यादा बच्चे पढ़ रहें वहीं 25000 से ज़्यादा एल्यूमनाई हैं साथ ही जेईसीआरसी अपनी 25 साल की लिगेसी को भी पूरा करने जा रहा हैं | स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के विश्वास की वजह से जेईसीआरसी हर दिन प्लेसमेंट के नए रिकॉर्ड बनाता हैं और यहीं वजह हैं जेईसीआरसी टॉपर्स की पहली च्वाइस बन रहीं हैं |

जेईसीआरसी के सामाजिक क्लब जैसे ज़रूरत और अभ्युदय एक बेहतर राष्ट्र के निर्माण में मदद कर रहे हैं। इन क्लबों के माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्र ग्रामीण बच्चों के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। वे उन्हें पढ़ाते हैं और उनकी सहायता करते हैं ताकि वे एक बेहतर दुनिया बना सकें। इन प्रयासों से न केवल ग्रामीण बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है, बल्कि छात्रों में भी सामाजिक जिम्मेदारी और सेवा की भावना विकसित हो रही है।

इंडस्ट्री कोलैबोरेशन से कम हो रहा एकेडमिया-इंडस्ट्री गैप—

जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी ने इंडस्ट्री में बदलती तकनीकी को पहचाना है। इसी बदलाव को समझते हुए और नई व प्रचलित तकनीकी कौशल के साथ स्टूडेंट्स को सशक्त बनाने के लिए, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी ने गूगल क्लाउड, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, सीमेंस, आईबीएम आदि जैसी इंडस्ट्री के साथ कोलैबोरेशन किया है। इसकी वजह से क्लासरुम में ही स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री का एक्सपीरियंस मिल रहा है। इंडस्ट्री के ही एक्सपर्ट्स स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे हैं। इससे एकेडमिया और इंडस्ट्री के बीच का गैप कम हो रहा है।

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