Home बिजनेस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर व्यय बढ़ने की उम्मीद: संदीप गुलाटी

बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर व्यय बढ़ने की उम्मीद: संदीप गुलाटी

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दिव्यराष्ट्र, नई दिल्ली: 2025-26 के केन्द्रीय बजट की ओर देखते हुये, यह स्पष्ट है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर व्यय इकोनॉमी ग्रोथ और विकास का एक प्रमुख चालक होगा। 2024-25 के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार ने 11.1 लाख करोड़ रुपए के आवंटन के साथ पहले से ही एक मजबूत आधार तैयार किया है, श्री संदीप गुलाटी, एमडी, एजिस साउथ एशिया के अनुसार, हम उम्मीद करते हैं कि रेलवे, रक्षा, बिजली और डेटा सेन्टर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में यह गति तेज होगी। हालांकि, इन निवेशों की क्षमता को पूरी तरह से समझने के लिए, लक्षित उपाय और प्रोत्साहन जरुरी हैं। आगामी बजट में सभी क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, जिससे मांग को बढ़ावा देने और लांग टर्म डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन मिले। सरकार के लिए नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करना महत्वपूर्ण है, जिसमें पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान और जल जीवन मिशन (जेजेएम) जैसी इनिशिटिव्सं पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, हम शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, अफोर्डेबल हाउसिंग और जेजेएम के लिए फण्डिंग्स में निरंतर वृद्धि की उम्मीद करते हैं, जो सरकार के निरंतर फोकस को दर्शाता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को आर्थिक प्रगति की आधारशिला माना गया है।

जबकि सड़क, रेलवे और बिजली जैसे क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, इसके प्रति मैं अधिक संतुलित दृष्टिकोण पक्षकार रहा हूं। शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की अनूठी चुनौतियों पर विचार करना और सेक्टर स्पेसिफिक इनिशिएटिव शुरू करना महत्वपूर्ण है जो स्थिरता, स्मार्ट सिटी प्लानिंग और पर्यावरण के अनुकूल निर्माण प्रथाओं को प्राथमिकता देते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (एएमआरयूटी) जैसे कार्यक्रम सबसे आगे रहने चाहिए।

इसके अलावा, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगी। हमें पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार अरबन डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन बिल्डिंग मेटेरियल के लिए प्रोत्साहन और एक व्यापक स्थिरता रेटिंग ढांचे जैसी नए इनिशिटिव्स का पता लगाना चाहिए। स्मार्ट शहरों, एकीकृत परिवहन प्रणालियों और लचीले इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश भारत के तेजी से शहरीकृत समाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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