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दाल एवं अनाज मशीनरी की तीन दिवसीय एक्जीबिशन का शुभारंभ

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इंदौर: ऑल इण्डिया दाल मिल एसोसिएशन के तत्वाधान में दाल एवं अनाज की नई-नई टेक्नालॉजी की आधुनिक मशीनरी की 3 दिवसीय एक्जीबिशन का शुभारंभ केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री फग्गनसिंह कुलस्ते और म॰प्र॰ गृह निर्माण एवं अधोसरंचना विकास मण्डल के पूर्व अध्यक्ष श्री कृष्णमुरारी मोघे के करकमलों से“श्री स्वामीनारायण मंदिर परिसर” – नेमावर रोड़ चौराहा के पास, बायपास रोड़ (आगरा-बॉम्बे हाई-वे), मुंडला नायता, इंदौर (म.प्र)पर सम्पन्न हुआ।

यह जानकारी देते हुए ऑल इण्डिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रबंध संचालक एवं अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल एवं अन्य पदाधिकारी श्री सुभाष गुप्ता, श्री अनिल सुरेका, श्री मुन्नालाल बंसल, श्री दिनेश अग्रवाल और श्री विजय लाहोटी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दाल एवं अनाज की नई-नई टेक्नालॉजी की आधुनिक मशीनरी की 3 दिवसीय प्रदर्शनी इन्दौर में रखी गई है, जिसका शुभारंभ केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री फग्गनसिंह कुलस्ते और म॰प्र॰ गृह निर्माण एवं अधोसरंचना विकास मण्डल के पूर्व अध्यक्ष श्री कृष्णमुरारी मोघे के करकमलों से सम्पन्न हुआ।

प्रांरभ में मुख्य अतिथि केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री फग्गनसिंह कुलस्ते और श्री कृष्णमुरारी मोघे कास्वागत संस्था के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल, श्री मुन्नालाल बंसल, श्री सुभाष गुप्ता एवं श्री अनिल गुप्ता ने पुष्पगुच्छ से किया।

अतिथियों के स्वागत के उपरांत संस्था अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण मे माननीय मुख्यअतिथि श्री कुलस्तेजी से वर्तमान मे दाल उद्योगो की समस्याओ के निराकरण के लिए सरकार से पहल करने का अनुरोध किया। आपने बताया कि देश की केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों की सरकारे परंपरागत उद्योगो की ओर ध्यान ना देकर विभिन्न कॉर्पोरेट और मल्टी-नैशनल कंपनियों को विभिन्न सुविधाएं देकर उन्हे बढ़ावा दे रही है, जिससे देश के परंपरागत उद्योगों की उपेक्षा हो रही है, सरकार की नीतियों के कारण कई पुराने कृषि आधारित उद्योग धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर है। सरकार को नए-नए उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ पुराने उद्योगों का भी ध्यान रखना चाहिए।

साथ ही आपने माननीय कुलस्तेजी को अवगत कराया कि पूर्व मे मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बाहर से दाल बनाने के लिए मंगाए जाने वाले दलहन – तुअर, उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर आदि पर मंडी शुल्क से छूट दी जाती थी, पिछले लगभग 04 वर्षों से यह छूट नहीं मिलने के कारण मध्यप्रदेश का कृषि आधारित दाल उद्योग पड़ोसी राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ आदि के दाल उद्योगों से प्रतिस्पर्धा मे पिछड़ गया है, साथ ही दाल मिल कारखानों मे दालों का उत्पादन निरंतर गिरता जा रहा है और दो-दो शिफ्ट मे चलने वाले कारखाने मुश्किल से एक शिफ्ट मे ही चल पा रहे है। मंडी शुल्क लगने के कारण म.प्र. की दाले अन्य प्रदेशों की दालों की तुलना मे महंगी होने से बिक नहीं पा रही है, म.प्र. मे गुजरात, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से दाले आकर बिक रही है। अतः आपने माननीय मोघेजी से प्रदेश के दाल उद्योगों के हित मे म.प्र. मे  मंडी शुल्क से स्थाई रूप से छूट दिलवाने का अनुरोध किया।

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