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देश में 15 अगस्त तक चलेगा हर घर तिरंगा उत्सव : शेखावत

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केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बोले, वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ तिरंगा उत्सव

नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/ देश में 9 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा उत्सव मनाया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि तिरंगा केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं है, यह हम सबकी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है। हम सबके सम्मान, पहचान, विरासत और एकता का प्रतीक है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का प्रतीक है। तिरंगे का सम्मान और अधिक स्थापित करने के लिए हम सब मिलकर देश को विकसित बनाएंगे।

गुरुवार को नेशनल मीडिया सेंटर में हर घर तिरंगा उत्सव को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शेखावत ने कहा कि हर घर तिरंगा उत्सव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से अमृतकाल के प्रारंभ में वर्ष 2022 में की गई थी। पहले साल 23 करोड़ से अधिक घरों तक तिरंगा पहुंचा। 6 करोड़ लोगों ने तिरंगे के साथ सोशल मीडिया पर सेल्फी अपलोड की। वर्ष 2023 में 10 करोड़ लोगों ने सेल्फी अपलोड की। इस वर्ष भी देशभर में अनेक कार्यक्रम तिरंगा उत्सव के दौरान होंगे। सभी मंत्रालय और डिपार्टमेंट तिरंगा उत्सव में भाग लेंगे। देश के अनेक स्थानों पर तिरंगा दौड़ का आयोजन होने वाला है।

सभी राज्यों के तिरंगा उत्सव में भाग लेने के प्रश्न पर शेखावत ने कहा कि यह राजनीति से ऊपर का विषय है। तिरंगा राजनीतिक मतभेद से ऊपर था, है और रहेगा, और रहना भी चाहिए। इस विषय का राजनीतीकरण करने के बजाय देश इसके साथ में जुड़े और जुड़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरी राज्यों के मुख्यमंत्री से बातचीत हुई है। मुझे पूरा विश्वास है कि देश के प्रत्येक राज्य में असीम उत्साह और ऊर्जा के साथ में तिरंगा उत्सव को मनाने की तैयारी हो रही है। उन्होंने बताया कि 13 अगस्त को देशभर के सांसद दिल्ली और आसपास के क्षेत्र के हजारों युवा के साथ भारत मंडपम से लेकर नेशनल स्टेडियम तक तिरंगा बाइक रैली आयोजित करेंगे। पिछले वर्ष तिरंगा बाइक रैली में 200 सांसदों ने भाग लिया था।

तिरंगा निर्माण से महिलाओं को मिला आर्थिक संबल
तिरंगा निर्माण से जुड़े प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष हर घर तिरंगा उत्सव के लिए 70 प्रतिशत झंडे देश की सामान्य महिलाओं ने बनाए थे। इस उत्सव से महिलाओं को कहीं न कहीं आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में संबल मिला है। इस बार 90 प्रतिशत राज्यों ने कहा है कि तिरंगे बनाने में उनकी सेल्फ हेल्प ग्रुप की कैपेसिटी बिल्ड हुई है। अब हमको देश की सरकार से इसमें सहयोग की आवश्यकता नहीं है। शेखावत ने कहा कि मैं खुशी के साथ कह सकता हूं कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जब मैं बात कर रहा था तो कुछ ने कहा कि हमारा तो पूरा हो जाएगा, किसी राज्य में जरूरत होगी तो हमको बताइएगा, हम उनको भी तिरंगे उपलब्ध करा देंगे।

यह झंडा नहीं झुकेगा…
शेखावत ने कहा कि जब अंग्रेज सत्ता ने देश में प्रकाशन को नियंत्रित कर उस पर प्रतिबंध लगाया था, तब महान क्रांतिकारी सत्येंद्र नाथ ने कविता लिखी थी, ‘यह झंडा नहीं झुकेगा, यह झंडा नहीं झुकेगा।’ स्वतंत्रता आंदोलन में देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम झंडे ने किया था। तिरंगा स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरक था और स्वतंत्रता के संकल्प को जागरण करने वाला था। भारत को एकता के सूत्र में बंधने वाले विभिन्न तत्वों में से एक सबसे प्रमुख तत्व आज भी तिरंगा है। शेखावत ने कहा कि ब्रिटिश सरकार द्वारा झंडा प्रदर्शन को दबाने के अनेक प्रयास हुए। झंडा फहराने या झंडे के प्रदर्शन के चलते देश में अनेक लोगों ने अपना जीवन समर्पित किया। कई शूरवीर वीरगति को प्राप्त हुए, जिनमें 16 वर्षीय कनक लता बरुआ, शिरीष कुमार आदि हम सब लोगों के लिए आज भी प्रेरणा के पुंज हैं। वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में पटना में 7 ऐसे विद्यार्थियों की झंडा फहराने पर अंग्रेजों ने गोली मारकर के हत्या कर दी गई थी। यह तिरंगा उत्सव उन्हें भी श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर है।

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