‘टाटा टी जागो रे’ का एआई अभियान
मुंबई, दिव्यराष्ट्र/: टाटा टी जागो रे प्रस्तुत कर रहा है नया अभियान और इस बार ब्रांड जलवायु परिवर्तन से चल रही लड़ाई में अपना योगदान दे रहा है। ‘हर ग्रीन एक्शन से फर्क पड़ेगा’ अभियान एआई I-संचालित है, लोगों को अपनी रोज़ाना ज़िन्दगी में छोटे लेकिन सार्थक काम करने के लिए प्रेरित करना इसका उद्देश्य है, ताकि वे साथ मिलकर पर्यावरण पर अधिक सकारात्मक प्रभाव डाल सकें। हमारे समय के सबसे बड़े संकट-जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए टाटा टी जागो रे प्रतिबद्ध है। जागो रे आंदोलन के प्रभाव को और बढ़ाने के लिए, उपभोक्ताओं द्वारा किए गए हर 10 हरित कामों के लिए, टाटा टी एक पेड़ लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।
जलवायु परिवर्तन से लड़ने की उदासीनता यानी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई करने में रुचि, चिंता या प्रेरणा की कमी सबसे बड़ी चुनौती है, जिसकी वजह से इस समस्या को हल करना मुश्किल हो रहा है। इस मुद्दे की गंभीरता के बावजूद लोग सक्रिय रूप से इसका समाधान करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। अक्सर यह माना और कहा जाता है कि किसी एक के करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
इस अभियान में, टाटा टी जागोरे ने अपने माइक्रोसाइट जागो री.काम पर एक अभिनव एआई-संचालित व्हाट्सएप आधारित टूल लाया है। गूगल के जेमिनी के साथ इंजीनियर किया गया, यह टूल उपभोक्ताओं को ‘ग्रीन एक्शन’ यानी रोज़ाना कामों के सकारात्मक प्रभाव को देखने में सक्षम बनाता है जैसे कि चूल्हे पर खाना बनाते समय ढक्कन का उपयोग करना, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, एयर कंडीशनर का तापमान बढ़ाना / प्रबंधित करना और नहाते समय शॉवर के बजाय बाल्टी का उपयोग करना आदि। उपभोक्ता अब टाटा टी जागोरे चैट टूल का उपयोग करके इन ग्रीन कामों को करते हुए खुद की तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं। यह एआई टूल हरित कार्यों की पहचान करने के लिए एडवांस्ड इमेज रेकग्निशन तकनीक का उपयोग करता है और व्यक्तियों को पर्यावरण पर उनके प्रयासों के सकारात्मक प्रभाव के बारे में जानकारी देता है। इससे लोगों को यह आश्वासन मिलता है कि उनके काम कितने सार्थक हैं और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में योगदान दे रहे हैं।
मुलेन लिंटास द्वारा परिकल्पित फिल्म में इस संदेश को जीवंत किया गया है। फिल्म में रोज़मर्रा की उन गतिविधियों को दिखाया है जो सामूहिक रूप से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। शुरूआत होती है एक महिला और एक पुरुष के बीच पर्यावरण की स्थिति पर बातचीत से, घटते हरित आवरण के बारे में एक शीर्षक हम यहां देखते हैं। एक और माता-पिता संदेह व्यक्त कर रहे हैं, तो दूसरी ओर बच्चे बहुत ही आसान हरित क्रियाकलापों को अपनाकर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं, जैसे कि शॉवर के बजाय बाल्टी का उपयोग करना और उबलते बर्तनों पर ढक्कन लगाना आदि। बच्चों का कोरस गा रहा है, पर्यावरण के लिए छोटे, सामूहिक कार्यों का संदेश गहराई से गूंजता है, इस बात पर जोर देता है कि जब हर कोई योगदान देता है, तो सार्थक परिवर्तन हासिल किया जा सकता है।
पुनीत दास, अध्यक्ष-पैकेज्ड बेवरेजेस (भारत और दक्षिण एशिया), टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने कहा,“टाटा टी जागो रे ने हमेशा हमारे समय के प्रमुख सामाजिक मुद्दों पर समाज की सामूहिक चेतना को बढ़ाने में विश्वास किया है। आज के दौर में पृथ्वी के भविष्य के लिए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने की ज़रूरत से ज़्यादा ज़रूरी कुछ नहीं है। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के खिलाफ लड़ाई में हम अक्सर सामूहिक कार्यों की शक्ति के माध्यम से जो प्रभाव पैदा कर सकते हैं, उसे कम आंकते हैं। हमें टाटा टी जागो रे की इस नवीनतम पहल को लॉन्च करते हुए खुशी हो रही है। इसमें हम दिखा रहे हैं कि कैसे छोटे, रोज़ाना कार्य एक सार्थक अंतर ला सकते हैं। इसे गूगल क्लाउड की ए lआई तकनीकों का उपयोग करके बनाया गया है। पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले विकल्पों को चुनने के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए टाटा टी जागो रे प्रतिबद्ध है। इस पहल में हम उम्मीद कर रहे हैं कि, बेहतर कल के लिए सार्थक बदलाव को प्रेरित कर पाएंगे और लोगों की सामूहिक कार्रवाई की शक्ति को अनलॉक कर पाएंगे, क्योंकि ‘एक एक करके हम सब करेंगे, तो फर्क पड़ेगा।”
बिक्रम सिंह बेदी, वाईस चेयरमैन-कंट्री एमडी, गूगल क्लाउड इंडिया ने कहा,“टाटा टी के अभिनव अभियान ‘जागो रे’ के साथ सहयोग करके हम बहुत खुश हैं। इन क्रियाओं को रियल-टाइम में एनालाइज़ किया जाता है और यूज़र्स प्राकृतिक भाषा में तत्काल फीडबैक और वेलिडेशन दिया जाता है। इससे जवाबदेही और उपलब्धि की भावना दोनों को बढ़ावा मिलता है। यह प्रभावी समाधान व्यक्तिगत प्रभाव को मापने में मदद करता है, यूज़र्स की क्रियाओं को ठोस पर्यावरणीय लाभों में परिवर्तित करता है।”