नई दिल्ली। दिव्यराष्ट्र/ अच्छी गहरी नींद बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरुरी है, ताकी हम तरोताजा रहें, आराम से रहें और अपने क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। नींद के समाधान मुहैया कराने वाली भारत की अग्रणी कंपनी ड्यूरोफ्लेक्सने इसी हेतू, रात की अच्छी नींद पाने के लिए ‘मैट्रेस एक्सचेंज प्रोग्राम’ पेश किया है। इस योजना के तहत ग्राहक अपने पुराने गद्दे का एक्सचेंज करा सकते हैं या उसके बदले नया ड्यूरोफ्लेक्स गद्दा ले सकते हैं। यह पुराने गद्दों को बदलने का सस्टेनेबल और उचित तरीका है। यह ऑफर 1 जून 2024 से 30 जून 2024 तक उपलब्ध रहेगा।
ड्यूरोफ्लेक्स का मैट्रेस एक्सचेंज प्रोग्राम इस उद्योग में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। अपने पिछले ‘मैट्रेस एक्सचेंज प्रोग्राम’ के दौरान ड्यूरोफ्लेक्स ने लगभग 350गद्दों को लैंडफिल में जाने से बचाया। इस बार भी, ड्यूरोफ्लेक्स ने इस पहल के लिए शेयर एट डोर स्टेप (एसएडीएस इंडिया) के साथ फिर से साझेदारी की है। इस विशिष्ट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने इस साल इस आयोजन को बड़े पैमाने पर अंजाम देने के लिए ‘ड्यूरोफ्लेक्स’ के साथ सहयोग किया है। इस पहल के पीछे का उद्देश पुराने गद्दों का जिम्मेदारी से निपटान करना और फेंके गए गद्दों के कारण होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव से बचना है।
इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए, ड्यूरोफ्लेक्स के ग्रुप सीईओ श्रीधर बालकृष्णन ने कहा, “एक ग्राहक-केंद्रित और पर्यावरण के प्रति जागरूक संगठन के रूप में, हमारा उद्देश न केवल अपने ग्राहकों को आरामदायक, गहरी नींद के लिए सबसे अच्छा समाधान प्रदान करना है, बल्कि यह भी है की इस्तेमाल किए गए गद्दों को कैसे रीसाइकिल किया जाए या वह बदल दिया जाए, ताकि उन्हें लैंडफिल में जाने से रोका जा सके। हमारे पहले गद्दे एक्सचेंज प्रोग्राम से हमें जो सकारात्मक प्रतिक्रिया और फीडबैक मिला, उसने हम इस पहल को फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित हुए। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पुराना घिसा-पिटा गद्दा पीठ दर्द, त्वचा की एलर्जी और नींद में खलल जैसी कई समस्याएं पैदा कर सकता है। हमारा लक्ष्य इस समस्या से छुटकारा दिलाना है तथा पुराने गद्दों के निपटान से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को कम करना है। यह विधि भारत के नागरिकों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए आरामदायक नींद पाने में सक्षम बनाएगी!