दिव्यराष्ट्र, जयपुर: ब्रेनविटा एबेकस ने अपने 10वें ब्रेनविटा एबेकस ने 10वें राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार समारोह में छात्रों की अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन कियाराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार समारोह में न केवल छात्रों की अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ। जयपुर में आयोजित इस भव्य आयोजन में देशभर से आए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 से 10 तक के छात्रों को सम्मानित किया गया।
500 से अधिक दर्शकों की उपस्थिति में, छात्रों ने लाइव डेमो के जरिए अपनी गणना कौशल का प्रदर्शन किया। मुख्य आकर्षण रहा 5 छात्रों द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय रिकॉर्ड और एक छात्र द्वारा स्थापित विश्व रिकॉर्ड। खास उपलब्धि यह रही कि एक छात्र ने 7 अंकों की संख्या के गुणा तालिकाएँ मात्र 90 सेकंड में लिखीं, जबकि एक अन्य छात्र ने 15 अंकों की संख्या की तालिका लगभग 80 सेकंड में तैयार की। यह प्रदर्शन इतना प्रभावशाली था कि दर्शक अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर सके। यहाँ तक कि कैलकुलेटर भी इन छात्रों की गति का मुकाबला नहीं कर पाए।
एबेकस में भारतीय क्रांति: अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगियों को चुनौती
एबेकस, जो अब तक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और ऊँची फीस के कारण सीमित था, अब ब्रेनविटा के माध्यम से भारतीयों के लिए सुलभ हो गया है। ब्रेनविटा का अनूठा पाठ्यक्रम केवल 80 घंटे में बच्चों को ह्यूमन कैलकुलेटर बनाने का वादा करता है—जो भारत में अब तक का सबसे तेज़ एबेकस कोर्स है।
इस कोर्स की निर्देशक काविता जी को भी विशेष सम्मान मिला। काविता जी ने न केवल इस कोर्स को डिजाइन किया है, बल्कि वह सबसे अधिक एबेकस पुस्तकों की लेखिका होने के लिए भी विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं।
जयपुर: शैक्षिक नवाचार का केंद्र
यह आयोजन एक बार फिर जयपुर में हुआ, जो इस शहर की शैक्षणिक पहचान को सशक्त बनाता है। जयपुर, जो अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है, अब शिक्षा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
इस अवसर पर ब्रेनविटा की महिला निदेशक श्रीमती कविता जाखोटिया ने कहा:
“हम छात्रों को किफायती, विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 50 से अधिक पुरस्कारों के साथ, ब्रेनविटा भारत को शिक्षा के वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने के लिए तैयार है। हम अगले साल तीन प्रमुख पाठ्यक्रम लॉन्च करेंगे और एड-टेक क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। यह केवल शुरुआत है; आने वाला दशक भारतीय शिक्षा का होगा।”
जब छात्रों ने रचा इतिहास
इस आयोजन में सबसे यादगार पल वह था जब एक छात्र ने दोनों हाथों से एक साथ 7 अंकों की संख्या की गुणा तालिकाएँ लिखीं और दूसरा छात्र, जिसकी 15 अंकों की तालिका ने महज 80 सेकंड में दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। यह प्रदर्शन न केवल बच्चों की प्रतिभा का प्रमाण था, बल्कि यह भारत के शैक्षणिक भविष्य की अनंत संभावनाओं को भी उजागर करता है।
लड़कियों की शिक्षा के प्रति ब्रेनविटा की प्रतिबद्धता
ब्रेनविटा ने इस साल की शुरुआत में एक सामाजिक उद्यम के साथ सहयोग कर चुनिंदा बालिकाओं को एबेकस कोर्स के लिए 100% छात्रवृत्ति प्रदान की। इस पहल ने न केवल शिक्षा के प्रति ब्रेनविटा की प्रतिबद्धता को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित किया कि वह हर बच्चे को सशक्त बनाना चाहता है, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।
ब्रेनविटा ने यह साबित कर दिया है कि भारत न केवल शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ने को तैयार है।
यह कार्यक्रम केवल एक पुरस्कार समारोह नहीं था, बल्कि यह भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का प्रतीक था। बच्चों ने जिस प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन किया, उसने यह साबित कर दिया कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर भारतीय छात्र विश्व स्तर पर किसी भी प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सकते हैं। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल इन बच्चों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
ब्रेनविटा का यह आयोजन बच्चों की असीम क्षमताओं को उजागर करने और शिक्षा को नए आयाम देने का एक सशक्त माध्यम है। यह दिखाता है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली अब विश्व स्तर पर अपनी अमिट छाप छोड़ने के लिए तैयार है। जयपुर में यह ऐतिहासिक क्षण एक मील का पत्थर साबित होगा, जो देश के हर बच्चे को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित करेगा।