Home बिजनेस एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही/वित्त वर्ष...

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही/वित्त वर्ष 2025 के नौ माह के वित्तीय नतीजों की घोषणा की

75 views
0
Google search engine

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के निदेशक मंडल ने आज आयोजित अपनी बैठक में 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही के वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी है।

कार्यकारी सारांश फेस्टिव सीजन में कुछ तेजी देखने के बाद तीसरी तिमाही के उत्तरार्ध में आर्थिक गति धीमी हो गई। कुल मिलाकर माहौल वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही की तुलना में अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। तिमाही के अधिकांश भाग में लिक्विडिटी की कमी बनी रही, जिससे ब्याज दरों और जमा वृद्धि (डिपॉजिट ग्रोथ) पर लगातार दबाव बना रहा। इसके अलावा, अनसिक्योर्ड एडवांस (विशेष रूप से एमएफआई) सुधार के फेज (करेक्टिव) में हैं।

इस ऑपरेटिंग माहौल के बीच में बँक मे सख्त अंडरराइटिंग, फंड की लागत (कॉस्ट टू फंड) के प्रबंधन और ऑपरेशनल व्यय को नियंत्रिn मे रखने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अच्छा प्रदर्शन किया है।

Profitability वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही की मुख्य बातें ● वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में बैंक का प्री-प्रोविजनिंग ऑपरेटिंग प्रॉफिट (पीपीओपी) वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही के 650 करोड़ रुपये की तुलना में 85% बढ़कर 1,205 करोड़ रुपये हो गया ● PAT में सालाना आधार पर 41% की वृद्धि हुई और तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 7% की गिरावट के साथ ₹528 करोड़ रहा (बनाम वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में ₹375 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में ₹571 करोड़) ● इस तिमाही में ऑपरेशनल व्यय तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 3% घटकर ₹1,436 करोड़ और साल-दर-साल आधार पर 29% बढ़ा ● तीसरी तिमाही में आय की लागत (कॉस्ट टू इन्कम) में सालाना आधार पर 886 bps की गिरावट आई और यह 54.4% रहा ● तीसरी तिमाही में शुद्ध ब्याज मार्जिन (नेट इंटरेस्ट मार्जीन) 5.9% रहा ● तीसरी तिमाही में रिटर्न ऑन

बैंक के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के संस्थापक, एमडी और सीईओ श्री संजय अग्रवाल ने कहा, “फेस्टिव सीजन में अर्थव्यवस्था में कुछ उछाल आया। हालांकि, तिमाही के उत्तरार्ध में विकास की रफ्तार कम हो गई। कुल मिलाकर आर्थिक गतिविधि पहली छमाही से बेहतर होने के बावजूद बाजार की उम्मीदों से कम रही। लिक्विडिटी कम रहने और मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) की बढ़ती दर की वजह से डिपॉजिट ग्रोथ और ब्याज दरों के लिए चुनौती बनी हुई है।”

ऐसे अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहोल में वित्तीय वर्ष के पहले 9 महीनों में हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा है। हमारे एडवांस और डिपॉजिट्स, दोनों इंडस्ट्री की तुलना में उच्च दरों पर वृद्धि जारी रखे हुए हैं। हमारी सिक्योर्ड एसेट फ्रैंचाइज़ी बहुत अच्छी स्थिति में है, हालांकि, माइक्रोफाइनेंस बिज़नस में इंडस्ट्री के अनुरूप बढ़ी हुई क्रेडिट कॉस्ट और गिरावट जारी है। हम लोगों और व्यापारों को सशक्त बनाने, भारत के आर्थिक मजबुती और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में योगदान देने पर ध्यान केंद्रित किए हुये हैं। विभिन्न गारंटी योजनाओं के साथ एमएसएमई और माइक्रो क्रेडिट क्षेत्र का समर्थन करने के लिए, में सरकार का आभारी हूं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here