बुलेटप्रूफ, ब्लास्टप्रूफ और फायरप्रूफ हल्के समाधानों के साथ, अमृता विश्व विद्यापीठम आयात पर निर्भरता कम करते हुए देश की सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है।
नई दिल्ली,, दिव्यराष्ट्र/: अमृता विश्व विद्यापीठम के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर, डॉ. शांतनु भौमिक ने एक अनूठा हल्का हाइब्रिड कंपोजिट मटीरियल विकसित किया है, जो बुलेटप्रूफ, ब्लास्टप्रूफ और फायरप्रूफ है। यह मटीरियल नाटो के स्टैग लेवल 3 और 4 मानकों को पूरा करता है। स्टील से तीन गुना हल्का यह मटीरियल कठिन परिस्थितियों में विशेष मजबूती प्रदान करता है। सियाचिन ग्लेशियर जैसे क्षेत्रों में सफल परीक्षण के बाद, यह नवाचार रक्षा वाहनों, बंकरों आदि को बेहतर सुरक्षा देने में सक्षम है।
‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ मिलकर, यह नवाचार आयात पर निर्भरता को कम करते हुए देश को हर साल 20,000 करोड़ रुपये की बचत करा सकता है। लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा (सेवानिवृत्त) के मार्गदर्शन में और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के समर्थन से, यह कंपोजिट स्वदेशी रक्षा तकनीकों को आगे बढ़ाने में एक बड़ा कदम है।
डॉ. भौमिक ने राष्ट्र की धरोहर का सम्मान करते हुए इस कंपोजिट को पांच महान भारतीय नायकों के नाम पर नामित किया है:
नेताजी सुभाष कवच (हल्का बुलेटप्रूफ कंपोजिट)
छत्रपति शिवाजी कवच (ब्लास्टप्रूफ कंपोजिट)
रानी लक्ष्मी बाई कवच (फायरप्रूफ कंपोजिट)
रानी चेन्नम्मा कवच (पारदर्शी बुलेटप्रूफ कंपोजिट)
शहीद उधम सिंह कवच (माइन-ब्लास्ट रेसिस्टेंट कंपोजिट)
यह हाइब्रिड कंपोजिट वाहनों, बंकरों और विशेष ऑपरेशन नौकाओं के लिए बेजोड़ सुरक्षा प्रदान करता है। यह 10 किलोग्राम TNT तक के ब्लास्ट, स्नाइपर राइफल के राउंड और गोलियों का सामना करने में सक्षम है। चंडीगढ़ में TBRL और सियाचिन ग्लेशियर में किए गए कड़े परीक्षणों ने यह साबित किया है कि यह दुर्गम इलाकों और कठिन परिस्थितियों में भी मजबूत और विश्वसनीय है।
कार्बोरंडम यूनिवर्सल लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड और घर्दा केमिकल्स लिमिटेड के सहयोग से, यह नवाचार अमृता विश्व विद्यापीठम के राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए अनुसंधान में समर्पण को प्रदर्शित करता है। डॉ. शांतनु भौमिक ने कहा, “यह क्रांतिकारी हाइब्रिड कंपोजिट स्वदेशी रक्षा तकनीकों में भारत की तेजी से बढ़ती क्षमताओं का प्रतीक है। यह राष्ट्र और वैश्विक समुदाय दोनों के लाभ के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में अमृता विश्व विद्यापीठम की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।”
डॉ. भौमिक द्वारा किया गया यह कार्य भारत को वैश्विक रक्षा अनुसंधान में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और अमृता विश्व विद्यापीठम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।