अमृतपुरी, दिव्यराष्ट्र/ वायनाड आपदा की गंभीर पृष्ठभूमि में,श्री माता अमृतानंदमयी देवी का इकहत्तरवां प्राकट्य-दिवस अमृतपुरी आश्रम में बड़ी सादगी के साथ मनाया गया। उत्सव का श्रीगणेश सुबह पांच बजे गणपति होम के बाद ललिता-सहस्रनाम अर्चना के साथ हुआ। साढ़े सात बजे माता अमृतानंदमयी मठ के उपाध्यक्ष स्वामी अमृतस्वरूपानन्द पूरी ने मुख्य भजन हॉल में सत्संग दिया। नौ बजे अम्मा ने मंद-मंद मुस्कान के साथ प्रवेश करके स्टेज की शोभा बढ़ाई और हज़ारों की संख्या में एकत्रित भक्तों का स्वागत किया। उनके आगमन के बाद स्वामी अमृतस्वरूपानन्द जी के मार्गदर्शन में गुरु-पादुका-पूजा संपन्न हुई। फिर अम्मा ने सत्संग दिया और सबको ध्यान कराया,भजन गाने के बाद सबके साथ विश्व-शांति हेतु प्रार्थना की। इस समारोह में माता अमृतानंदमयी देवी ने जाने-माने कवि प्रो.वी.मधुसूदन नायर को अमृतकीर्ति पुरस्कार प्रदान किया। सामूहिक विवाहों का आयोजन भी समारोह का अंग था और स्वयं अम्मा की देखरेख में ये सारे आयोजन हुए। अम्मा के दर्शन शनिवार सुबह तक जारी रहे,जिसमें वो उन सब भक्तों से एक-के करके मिलीं जो अपनी प्यारी अम्मा का जन्मदिवस मनाने यहाँ विश्व के कोने-कोने से आये थे। अम्मा को जन्मदिवस की शुभ-कामनाएं देने के लिए आश्रम में अनेकों विशिष्ट-व्यक्ति आये।