
हैदराबाद, दिव्यराष्ट्र:\ शहर अब पारंपरिक डाउनटाउन या एकमात्र उपयोग वाले व्यावसायिक केंद्रों से परिभाषित नहीं होते हैं। भविष्य ऐसे शहरों का है जो कार्यस्थलों, आवास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और जीवनशैली को सहजता से इंटीग्रेट करते हैं। हैदराबाद में, फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट (एफडी) उसी मॉडल के रूप में उभरा है, जो एक ‘सिटी विदिन अ सिटी’ है, जहाँ वैश्विक निगमों के आगमन ने न केवल नौकरियों को उत्प्रेरित किया है बल्कि उनके चारों ओर निर्मित सभी समुदायों को भी प्रेरित किया है।
अजितेश कोरुपोलु – संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट – “सिटी विदिन अ सिटी”)*
नौकरियाँ जो घर और समुदाय का निर्माण करती हैं*
फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट में सृजित प्रत्येक नौकरी आवास, रिटेल और शहरी सेवाओं की मांग को बढ़ावा देती है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में इस क्षेत्र में 3बीएचके किराए में 25.7% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे यील्ड (रिटर्न्स) 4-6% की सीमा तक पहुँच गई है, जबकि हैदराबाद शहर का औसत 2-3% है। यह सतत विकास दर्शाता है कि यहाँ की मांग उपयोगकर्ताओं द्वारा संचालित है और यह हैदराबाद के आईटी कॉरिडोर में प्रवासन से गहराई से जुड़ी हुई है।
वैश्विक लीडर्स इस मांग का केंद्र हैं* गूगल का 3.3 मिलियन वर्ग फुट का कैंपस (जिसमें लगभग 26,000 पेशेवर कार्यरत होंगे), माइक्रोसॉफ्ट अमेजन, एपल ,टीसीएस और क्वालकॉम के साथ, अभूतपूर्व पैमाने पर विस्तार कर रहे हैं। कॉलर्स इंडिया के अनुसार, एच 1 2025 में, हैदराबाद ने भारत के टेक्नोलॉजी-क्षेत्र की लीज़िंग का लगभग 21% हिस्सा हासिल किया, जिसका अधिकांश भाग एफडी और उसके आसपास केंद्रित था। यह क्लस्टरिंग सुनिश्चित करती है कि आवासीय मांग मजबूत बनी रहे और मौसमी गिरावटों से अप्रभावित रहे।
फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट – एक नया कोर*
जबकि हाईटेक सिटी ने हैदराबाद की टेक्नोलॉजी यात्रा की शुरुआत को चिह्नित किया था, यह फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट ही है जो शहर के वास्तविक विकास गलियारे के रूप में उभरा है। विशाल वैश्विक कैंपस, विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे और भविष्य के लिए तैयार ज़ोनिंग के साथ, इस केंद्र ने पहले ही हैदराबाद के आर्थिक कमांड सेंटर के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। इसका आकर्षण काम से आगे तक फैला हुआ है क्योंकि मजबूत सामाजिक बुनियादी ढाँचा, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्कूल और स्वास्थ्य सेवा से लेकर रिटेल और होस्पिटेलिटी शामिल हैं। विशेष तौर पर डिस्ट्रिक्ट का डिज़ाइन एक वास्तविक ‘वॉक-टू-वर्क’ जीवनशैली को सक्षम बनाता है जहाँ पेशेवर एक ही इकोसिस्टम के भीतर रह सकते हैं, काम कर सकते हैं और दैनिक सुविधाओं को प्राप्त कर सकते हैं, जिससे “सिटी विदिन अ सिटी” का लक्ष्य पूरा होता है।
बुनियादी ढाँचे के साथ विकास को बनाए रखना*
तेज गति से विस्तार स्वाभाविक रूप से चुनौतियाँ लाता है, लेकिन फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट ने नियोजित अपग्रेड के साथ आगे रहकर अपनी दीर्घकालिक क्षमता को मजबूत किया है। वर्तमान में हैदराबाद के यात्री ट्रैफिक में सालाना लगभग 85 घंटे बर्बाद करते हैं, जो दिल्ली या बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों की तुलना में काफी कम है, और केपीएचबी को एफडी से जोड़ने वाली मेट्रो चरण II, बहु-स्तरीय फ्लाईओवर और चौड़ी की गई सड़कों सहित नए हस्तक्षेप से आवाजाही और आसान हो जाएगी। यूटिलिटीज के तौर पर, शहर को आज लगभग 580 एमजीडी पानी मिलता है, जिसमें आगामी गोदावरी चरण 2027 तक क्षमता को 835 एमजीडी और 2047 तक 1,100 एमजीडी से अधिक करने के लिए तैयार हैं, जिससे भविष्य की तैयारी सुनिश्चित होगी। ये परियोजनाएं मिलकर एफडी की स्थिति को एक आत्मनिर्भर शहरी कोर के रूप में मजबूत करती हैं, जहाँ बुनियादी ढाँचा विकास के साथ-साथ विकसित होता है।
इस परिवर्तन के केंद्र में, एएसबीएल लॉफ्ट फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट के मूल लोकाचार को दर्शाता है। ये ऐसे घर हैं जो संतुलन, समुदाय और आधुनिक जीवन के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। सोच-समझकर नियोजित स्थानों के साथ जो फिटनेस, बाल देखभाल, सह-कार्य (को-वर्किंग) और विश्राम को एक छत के नीचे लाते हैं, लॉफ्ट निवासियों को एक ऐसी जीवनशैली प्रदान करता है जो एफडी के आत्मनिर्भर इकोसिस्टम का ही प्रतिबिंब है। वाणिज्यिक संपत्तियों के विपरीत, जहाँ लीजिंग जटिल होती है और स्वामित्व खंडित (फ्रैगमेंटेड) होता है, लॉफ्ट जैसे आवासीय निवेश हैदराबाद के सबसे लचीले बाजार में प्रत्यक्ष नियंत्रण और सुनिश्चित मांग प्रदान करते हैं। जो बात इसे और भी अधिक आकर्षक बनाती है, वह है एएसबीएलए लॉफ्ट का चल रहा किराये का ऑफर, जिसमें खरीदारों को पोजेशन मिलने तक प्रति माह 185,000 प्राप्त होते हैं, जो शहर के सबसे फलते-फूलते केंद्र में भविष्य के लिए तैयार 3 बीएचके सुरक्षित करते हुए उनके आवास लागत को प्रभावी ढंग से ऑफसेट करता है। एएसबीएल ऐसे डेवलपमेंट्स को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है जो न केवल मांग को पूरा करते हैं, बल्कि यह भी परिभाषित करते हैं कि लोग इस “सिटी विदिन अ सिटी” में कैसे रहते हैं, काम करते हैं और समृद्ध होते हैं।