दिव्यराष्ट्र, नई दिल्ली: न्यू इंडियन कंज़्यूमर इनिशिएटिव (एनआईसीआई) और प्रमुख उपभोक्ता संगठनों के गठबंधन ने भारत में ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को संयुक्त प्रतिनिधित्व सौंपा है। यह प्रतिनिधित्व उपभोक्ता मामले मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय, सेबी, विज्ञापन मानक परिषद और उपभोक्ता मामलों की संसदीय स्थायी समिति को दिया गया। प्रतिनिधित्व के अनुसार, ये प्लेटफॉर्म सिर्फ सट्टेबाजी की सेवाएं देते हैं और गलत विज्ञापनों के जरिए उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं। ये लोगों को अवैध और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाते हैं, जिससे वे आर्थिक जोखिम और मानसिक पीड़ा का शिकार हो सकते हैं।
अभिषेक कुमार, कन्वीनर, एनआईसीआई, ने कहा, “इस संयुक्त प्रतिनिधित्व के द्वारा हम सरकार से ओपिनियन ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाने और ठोस कदम उठाने की मांग करते हैं। इसमें उपभोक्ताओं को नुकसान से बचाने के लिए अंतरिम निर्देश जारी करना, डिजिटल और सोशल मीडिया विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना, ऐप स्टोर्स, क्लाउड सेवा प्रदाताओं और पेमेंट गेटवे को इन प्लेटफॉर्म्स को सपोर्ट करने से रोकना शामिल है। हम केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से भ्रामक दावों की जांच करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े संपत्तियों को फ्रीज करने की भी मांग करते हैं।”