जयपुर, दिव्यराष्ट्र/: आज के समय में हृदय रोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। गलत जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान और बढ़ते प्रदूषण के कारण हृदय रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।पहले सर्जरी में छाती को पूरी तरह खोलना पड़ता था, जिससे मरीज को दर्द, संक्रमण का खतरा और लंबी रिकवरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन चिकित्सा विज्ञान की तरक्की के साथ अब मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी जैसी नई तकनीक सामने आई है, जिसने हृदय सर्जरी को कहीं अधिक सुरक्षित, आसान और कम कष्टदायक बना दिया है। इस पर बताते हुए नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर, कार्डियक सर्जरी के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. अंकित माथुर ने बताया की छोटे चीरे से कार्डियक सर्जरी तकनीक में पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में शरीर पर कम प्रभाव पड़ता है। इसमें डॉक्टर मरीज की छाती पर बड़े कट लगाने के बजाय केवल 3-5 सेंटीमीटर के छोटे छेद बनाते हैं। इन छेदों के माध्यम से विशेष प्रकार के उपकरण और एक छोटा कैमरा डाला जाता है, जिससे डॉक्टर हृदय को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं और सर्जरी कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में शरीर के ऊतकों को कम नुकसान होता है, जिससे मरीज को कम दर्द होता है और उसकी रिकवरी भी तेजी से होती है। यह तकनीक खासतौर पर हृदय वाल्व रिपेयर या रिप्लेसमेंट, कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग, जन्मजात हृदय रोगों की सर्जरी और दिल में छेद बंद करने जैसी प्रक्रियाओं के लिए बेहद प्रभावी साबित हो रही है।मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी तकनीक में सर्जरी के बाद संक्रमण का खतरा भी काफी कम हो जाता है क्योंकि शरीर पर छोटे कट लगाए जाते हैं, जिससे टांकों की संख्या भी कम होती है। रक्तस्राव नियंत्रित रहता है, जिससे कई मामलों में मरीज को रक्त चढ़ाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। साथ ही, हॉस्पिटल में भर्ती रहने की अवधि कम हो जाती है, जिससे मरीज जल्दी स्वस्थ होकर अपने सामान्य जीवन में लौट सकता है। यह बताते हुए नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर, कार्डियक सर्जरी के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. अंकित माथुर ने आगे कहा कि इसे क्रांतिकारी तकनीक माना जा रहा है, क्योंकि यह मरीजों के लिए कम दर्दनाक और अधिक सुरक्षित है। लगातार हो रहे शोध और तकनीकी विकास के साथ भविष्य में इस तकनीक को और अधिक उन्नत किया जा सकता है। अगर इस तकनीक का उपयोग व्यापक रूप से किया जाए, तो यह लाखों हृदय रोगियों के लिए वरदान साबित हो सकती है। आधुनिक चिकित्सा ने हृदय सर्जरी का तरीका पूरी तरह बदल दिया है और मरीजों की तकलीफ कम करेगा बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर बनाएगा।