ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन की पहल “सम्मुख”
जयपुर। ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन की पहल पर जवाहर कला केंद्र में एक विशेष साहित्यिक कार्यक्रम “सम्मुख” का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 18 जनवरी, शनिवार को सायं 4 बजे सुजस आर्ट गैलरी में होगा, जिसमें लेखिका मोनिका गौड़, शकुन्तला पालीवाल और संतोषी देवी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगी। यह कार्यक्रम राजस्थान फोरम और श्री सीमेंट के सहयोग से किया जा रहा है।
परिचय:
बीकानेर निवासी लेखिका मोनिका गौड़ की पुस्तकें ‘अपने आप से अपरिचित, हरी हरी खुशबू और काली गौरैया, राजमार्ग की भेड़ें’ आदि प्रकाशित हो चुकी हैं; साथ ही राजस्थानी भाषा में ‘हथेली में चाँद, अँधारै री उधारी अर रिसाणो चाँद मुख्य पुस्तकें हैं। मोनिका गौड़ को पंडित मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सम्मान, नेमीचंद पहाड़िया साहित्य सम्मान, नानूराम संस्कृता पद्य पुरस्कार, पीथळ राजस्थानी भाषा पुरस्कार इत्यादि मिल चुके हैं। यह वर्तमान में शिक्षा विभाग में अध्यापिका के रूप में कार्यरत हैं।
शकुन्तला पालीवाल कविता, बाल कहानी और लघु कथा लिखती हैं। इनकी प्रकाशित पुस्तकें ‘एक थी शैलजा’ बाल कहानी संग्रह, ‘केसर रा छांटा’ राजस्थानी कहानी संग्रह है। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा प्रेमजी प्रेम राजस्थानी युवा लेखन पुरस्कार एवं शंभु सिंह राजावत ‘अल्पज्ञ’ स्मृति संस्थान द्वारा अल्पज्ञ युवा राजस्थानी साहित्य सम्मान मिल चुके हैं। वर्तमान में कृषि अधिकारी के रूप में राजस्थान सरकार में कार्यरत हैं।
संतोषी देवी राजस्थान सरकार में शिक्षिका हैं। इनकी प्रमुख रचना ‘पाती’ गीत संग्रह, ‘मैं चुप्पी हूँ’ कविता संग्रह, ‘काव्य के मोती’ सांझा संकलन, ‘इक्कीसवीं सदी के चुनिंदा दोहे’, ‘2020 के अनुपम दोहे’ दोहा संग्रह, ‘मैं और तुम’ गजल संग्रह मुख्य है।
फाउंडेशन के प्रवक्ता सुरेन्द्र बैरवा ने बताया कि, “सम्मुख” कार्यक्रम का उद्देश्य युवा लेखकों, कवियों, शायरों और ग़ज़लकारों को मंच प्रदान करना है, ताकि वे अपनी रचनाओं को दर्शकों तक पहुँचा सकें। फाउंडेशन हर महीने साहित्यिक विमर्श, पुस्तक विमोचन और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा सत्र आयोजित करता है।
पूर्व में फाउंडेशन द्वारा आयोजित किए गए “सम्मुख” सत्रों में युवा कवि मनमीत, गीतकार धनराज दाधीच, दिनेश सूत्रधार, खुर्शीद खैराड़ी, अश्विनी त्रिपाठी और हेमराज सिंह ने अपनी रचनाओं का प्रस्तुतिकरण किया था।
यह कार्यक्रम सभी साहित्य प्रेमियों, पाठकों और श्रोताओं के लिए खुला है। ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन साहित्यिक संवाद और रचनात्मकता को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर काम कर रहा है।