भारत में 2000 बच्चों में से 1 में क्रेनियोसायनोस्टोसिस स्थिति होती है
नवी मुंबई, दिव्यराष्ट्र/: अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में क्रेनियोसायनोस्टोसिस के लिए एंडोस्कोपिक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यह एक दुर्लभ स्थिति होती है, जिसमें शिशु की सिर की हड्डियां समय से पहले जुड़ जाती हैं। अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई के कंसल्टेंट न्यूरोसर्जरी डॉ. सुमीत पवार ने 3 महीने के शिशु पर यह प्रक्रिया की। 2000 जन्मों में से 1 में यह दुर्लभ स्थिति होती है, मस्तिष्क के विकास को रोकती है। इसका समय पर पता लगाना ज़रूरी होता है, क्योंकि समय पर इलाज से बड़ी सर्जरी की आवश्यकता को रोका जा सकता है।
अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में एक शिशु को लाया गया क्योंकि माता-पिता ने देखा कि शिशु का चेहरा, विशेष रूप से भौहें सममित नहीं थीं। जांच के बाद पता चला कि, शिशु को क्रेनियोसायनोस्टोसिस यह दुर्लभ जन्मजात बीमारी थी, जिसमें शिशु की सिर की हड्डी बहुत जल्दी जुड़ जाती है, जिससे सिर की सामान्य रूप से बढ़ने की क्षमता सीमित हो जाती है, और सिर का आकार असामान्य हो जाता है। इसे अगर ठीक नहीं किया जाता है, तो विकासशील मस्तिष्क पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे दिमाग के विकास में देरी हो सकती हैं। समय पर सर्जरी करने से, सिर के आकार को ठीक कर सकता है, मस्तिष्क पर दबाव को कम कर सकता है और सामान्य वृद्धि और विकास हो सकता है।
डॉ. सुमीत पवार, कंसल्टेंट न्यूरोसर्जरी, अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई ने कहा,”जल्द से जल्द, खासकर जन्म के बाद पहले तीन महीनों में, निदान ज़रूरी है, क्योंकि इससे हम 3-6 महीने की उम्र के बीच सिर्फ़ 2.5 सेमी चीरा लगाकर एंडोस्कोपिक तरीके से प्रक्रिया कर सकते हैं। अगर निदान में देरी होती है और शिशु 6-9 महीने का है, खोपड़ी खोलके सर्जरी की आवश्यकता होगी, जिसमें 20 सेमी का बहुत बड़ा चीरा लगाना होगा। इतनी कम उम्र में, यह गंभीर जोखिम वाली एक बड़ी सर्जरी बन जाती है। हमारा लक्ष्य ओपन स्कल सर्जरी की आवश्यकता से बचने के लिए जल्द से जल्द ऑपरेशन करना और शिशु में अधिक सुरक्षित और कम इन्वेसिव सुधार सुनिश्चित करना है। हम इस सर्जरी के सफल परिणाम से बहुत खुश हैं और उम्मीद करते हैं कि यह सफलता इस क्षेत्र में इस स्थिति वाले शिशुओं पर इस तरह के और अधिक इलाजों का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस प्रक्रिया में खून कम से कम बहा और शिशु को आईसीयू में सिर्फ़ एक रात रखना पड़ा।”
सर्जरी के बाद, शिशु को एक कस्टम 3डी-प्रिंटेड हेलमेट पहनाया गया । इस हेलमेट को अगले दो वर्षों में सिर के विकास को निर्देशित करने और उसके आकार को सही करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। नियमित फॉलो-अप विज़िट से यह सुनिश्चित होगा कि हेलमेट को लगभग सामान्य सिर के विकास के लिए उचित रूप से एडजस्ट किया गया है।
मृगेंद्र प्रताप, भोपाल से आए हुए इस शिशु के पिता ने बताया, “हमने हमारे शिशु में चेहरे पर असामान्यताओं को देखा और तुरंत सही विशेषज्ञ की तलाश शुरू कर दी। डॉ. सुमित के साथ हमारी चर्चा के दौरान ही हमें क्रेनियोसायनोस्टोसिस के बारे में पता चला। हम उपचार में देरी का जोखिम नहीं उठाना चाहते थे, क्योंकि इससे हमारे शिशु का बढ़ना और विकास प्रभावित हो सकता था। एंडोस्कोपिक स्कल सर्जरी का निर्णय सबसे अच्छा साबित हुआ, और हम अपने बच्चे की उल्लेखनीय रिकवरी से चकित हैं। हम हमारे शिशु को जीवन की नई राह देने के लिए डॉ. सुमीत और अपोलो अस्पताल नवी मुंबई के बहुत आभारी हैं।”