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58 वर्षीय मरीज की महाधमनी में जोखिम स्थिति का इलाज इनोवेटिव एंडोवस्कुलर प्रोसीजर द्वारा सफलतापूर्वक किया

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नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सैक्युलर एन्यूरिज्म वाले मरीज को सफल थोरैसिक एंडोवस्कुलर महाधमनी रिपेयर द्वारा ठीक किया।

जयपुर- दिव्यराष्ट्र/ एक 58 वर्षीय मरीज को अवरोही महाधमनी (डिसेंडिंग एओर्टा) में बहुत ही बड़े सैक्युलर एन्यूरिज्म से ग्रसित होने पर जयपुर के नारायणा हॉस्पिटल में बचाया गया। हॉस्पिटल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मरीज को थोरैसिक एंडोवस्कुलर महाधमनी रिपेयर के माध्यम से नया जीवन दिया है।

मरीज लाल चंद को पिछले कुछ समय से सीने में तेज दर्द, पेट में दर्द और सास लेने में दिक्कत हो रही थी। इस गंभीर स्थिति में उन्हें तुरंत हॉस्पिटल लाया गया। उनकी सीटी एंजियोग्राफी जांच में 1.5 सेमी का सैक्युलर एन्यूरिज्म पता चला, यह ब्लड वेसल की सतह पर एक गुब्बारे जैसा उभार होता है। यह एक खतरनाक स्थिति होती है जिससे व्यक्ति की स्ट्रोक या मृत्यु भी हो सकती है।

नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी, डॉ. अंशु काबरा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने थोरैसिक एंडोवास्कुलर एओर्टिक रिपेयर के साथ मरीज के इलाज का निर्णय लिया। इस न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया में एन्यूरिज्म के भीतर एक स्टेंट ग्राफ्ट लगाया जाता है, जो इसे रक्तप्रवाह से प्रभावी रूप से बाहर निकालता है और टूटने के जोखिम को कम करता है। मरीज में ऐसे गंभीर लक्षण थे, तो हमने एन्यूरिज्म के इतने बड़े होने का अनुमान नहीं लगाया था। एक बार जब हमने आकार और स्थान को समझ लिया, तो एक सटीक उपचार योजना तैयार करना महत्वपूर्ण था। सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा महाधमनी के अंदर ग्राफ्ट को फिट करना था, जो हृदय के सबसे जटिल हिस्सों में से एक है। 1.5 घंटे तक चलने वाली यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई और मरीज को चार दिनों के बाद सकारात्मक परिणाम के साथ छुट्टी दे दी गई।

नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार गोयल ने कहा कि “हमारी प्रतिबद्धता अपने मरीजों को सिर्फ ठीक करना ही नहीं बल्कि नियमित फॉलो-अप, सर्जरी के बाद की देखभाल और निरंतर सहायता द्वारा उनकी सेवा करना है। यह हमारे उपचार प्रोटोकॉल का अभिन्न अंग हैं। हम सिर्फ बीमारी का इलाज नहीं करते हैं; हम व्यक्ति की देखभाल करते हैं।”

यदि सैकुलर एन्यूरिज्म की बात की जाए तो यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसमें समय रहते प्रभावी उपचार बहुत जरूरी होता है। यदि समय रहते इसका उपचार कर लिया जाए तो हृदय संबंधित समस्याओं पर जल्द राहत मिल पाती है।

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