दाल मीलें, तेल मीलें, आटा मीलें व मसाला उद्योग
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की आगामी आमसभा 1 मार्च को
जयपुर। दिव्यराष्ट्र/ राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की साधारण आमसभा संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता की अध्यक्षता में राजधानी मण्डी परिसर में आयोजित हुई। जिसमें प्रदेशभर से 247 मण्डियों के व्यापारी, तेल मिल, दाल मिल, आटा मिल व मसाला उद्योगोें के व्यापारी एवं इनके प्रतिनिधियों सहित करीब एक हजार लोग मीटिंग में शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में संघ की तीन मुख्य मांगों सहित जिसमें कृषक कल्याण फीस समाप्त नहीं करने, बाहर से आयात होने वाली कृषि जिंस पर मण्डी टैक्स व कृषक कल्याण फीस समाप्त नहीं करने, मोटे अनाज श्रीअन्न पर आड़त 2.25 प्रतिशत नहीं करने एवं अन्य मांगे प्रतिवेदन के अनुसार; का समाधान राज्य सरकार द्वारा नहीं करने पर भारी रोष व्यक्त किया गया। इस अवसर पर व्यापारियों ने कहा कि जब तक राज्य द्वारा इन सभी मांगों का समाधान नहीं किया जायें तो बंद को आगे बढ़ाने पर सभी की राय रही। इसके बाद साधारण आमसभा की मीटिंग में यह प्रस्ताव पास किया गया कि प्रदेश की 247 मण्डियों, तेल मीलों, दाल मीलों, आटा मीलों व मसाला उद्योगों का 23 फरवरी से 26 फरवरी तक चार दिवसीय बंद को 2 मार्च तक बढ़ाया जाता है और राजस्थान संघ आगामी साधारण आमसभा 1 मार्च, शनिवार को आयोजित की जायेगी, जिसमें आंदोलने की अग्रिम रूपरेखा तय की जायेगी।
आमसभा में प्रदेश भर से व्यापारी शामिल हुए। जिसमें अलवर, बीकानेर, नोहर, हनुमानगढ़ जंक्शन, हनुमानगढ़ टाउन, पीलीबंगा, श्रीविजयनगर, उदयपुर, रावला मण्डी, बूंदी, चौमू, विजयनगर, बड़ौदामेव, मण्डावरी, दौसा, बयाना, खाजूवाला, खैरथल, खेरली, केकड़ी, कुचामनसिटी, सुमेरपुर, गोलूवाला, श्रीगंगानगर, मेड़तासिटी, श्रीमाधोपुर, गुलाबपुरा, राजसमन्द, कांकरोली, बांदीकुई, बारां, नागौर, लालसोट, जयपुर, गंगापुरसिटी, भवानीमण्डी, भादरा, हिण्डौनसिटी, टोंक, महवा, रावतसर आदि मण्डियों से मण्डी व्यापारी एवं मिलर्स एवं उद्योगपति बड़ी संख्यया में शािमल हुए।
आंदोलन के मुख्य बिन्दु कृषक कल्याण फीस समाप्त की जानी चाहिये, बाहर से आयात होने वाली कृषि जिंसांे पर मण्डी टैक्स व कृषक कल्याण फीस समाप्त की जानी चाहिये, मोटे अनाज श्रीअन्न पर आड़त 2.25 प्रतिशत की जायें, मण्डी सेस 1 प्रतिशत किया जायें, जीरा व ईसबगोल पर मण्डी सेस व आड़त यथावत रहेगी, धनिया पर मण्डी सेस जीरे की तरह प्रभावी किया जायें आदि।
हनुमानगढ़ व गंगानगर जिलों में सभी कृषि जिंसों की खरीद आड़तियों के मार्फत समर्थन मूल्य पर की जायें, नाम परिवर्तन पर 0.50 प्रतिशत राशि वसूल की जायें, प्याज को मसाला की कैटेगरी में लाया जायें, राजस्थान की सभी मण्डियों में व्यापार संघों को लैब लगाने की स्वीकृति दी जायें, किराये की दुकानों का मालिकाना हक देते समय दुकान की लागत में डिडक्शन किया जायें; धनिया, कस्तूरी मेथी, ईसबगोल, जीरा आदि के लिये अलग से उद्योग पार्क बनायें जायें, गंगापुरसिटी की 67 बीघा भूमि में भूखण्ड आवंटन किये जायें, सरसों पर मण्डी टैक्स समाप्त किया जायें, पुरानी मीलों को भी नयी मीलों की भांति कम-से-कम 50 प्रतिशत छूट दी जायें, बयाना मण्डी के 40 साल पूर्व के पट्टों को रिवेलिडेट किया जायें, अजमेर मण्डी की तीन वर्ष पूर्व जली दुकानों को शीघ्र बनाया जायें, सभी व्यापार संघों को निःशुल्क भूखण्ड आवंटित किये जायें, दुकानों के निर्माण की उंचाई 8 फीट की जगह 15 फीट की स्वीकृति दी जायें, अनाज मण्डी मुहाना को व्यापार भवन हेतु रियायती दर पर भूखण्ड आवंटित किया जायें, आवंटित भूखण्डों की बकाया राशि पर ब्याज-पेनल्टी माफ की जायें, टोडारायसिंह में प्लेटफॉर्म बनायें जायें, सभी दुकानों के विभाजन स्वीकार किया जायें, बिलाड़ा मण्डी में टीनशेड बनायें जायें; नोखा, बीकानेर व सुमेरपुर के गोदामों को नियमितिकरण किया जायें; श्रीगंगानगर, कुचामनसिटी व अन्य मण्डियों में भी धर्मकांटा लगाये जायें, फतेहनगर मण्डी में डोम बनायें जायें, बड़ी सादड़ी में महिला शौचालय बनाये जायें, मण्डी प्रीमियर लीग की योजना लायी जायें, भरतपुर मण्डी में 17 साल से लम्बित भूखण्डों का आवंटन किया जायें, हनुमानगढ़ जंक्शन मण्डी में सड़कें व नालियां बनायी जायें, छोटे जिलों में स्थित अनाज मण्डी व फल-सब्जी मण्डी में विकास एवं सफाई हेतु राज्य सरकार अनुदान राशि दें तथा फल-सब्जी मण्डी में कृषक कल्याण फीस समाप्त कर यूजर चार्ज लगाया जायें।