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2024 में ऊबर ऑटो और मोटो का आर्थिक गतिविधि में योगदान रु 36000 करोड तक पहुंचने का अनुमानः रिपोर्ट

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बैंगलुरू, 26 अक्टूबर, 2024ः भारत के प्रमुख राईड ऐप ऊबर ने अपनी 2024 इंडिया इकोनोमिक इम्पैक्ट रिपोर्ट जारी की है, जिसे पब्लिक फर्स्ट द्वारा संकलित किया गया है। रिपोर्ट भारत में ऑन-डिमांड इकोनोमी में बदलाव लाने में ऊबर के योगदान को दर्शाती है। देश में एक दशक से अधिक समय तक अपनी सेवाएं प्रदान करने के बाद ऊबर लगातार विकसित हो रही है और उपभोक्ताओं की विभिन्न ज़रूरतों के अनुसार विभिन्न प्रकार की सेवाएं लाती रही है, जिमें स्थानीय राईड से लेकर इंटरसिटी यात्रा और बस यात्रा तक शामिल है।
लास्ट माईल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में दोपहिया और तिपहिया परिवहन की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ऊबर मोटो और ऊबर ऑटो भारत में ज़रूरी सेवाएं बन गई हैं। 2024 में इन सेवाओं ने तकरीबन रु 36000 करोड़ की आर्थिक गतिविधि में सहयोग दिया, जो देश के परिवहन क्षेत्र में ऊबर की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। ये सेवाएं न सिर्फ यात्रियों को सुविधाजनक विकल्प प्रदान करती हैं बल्कि लोगों को नौकरियों एवं अवसरों के साथ जोड़कर अर्थव्यवस्था के समग्र्र विकास में भी योगदान देती हैं।
यह रिपोर्ट भारत में ऊबर के आर्थिक योगदान को बढ़ावा देने वाले कारकों पर रोशनी डालती है। रिपोर्ट के मुख्य परिणाम हैंः
आर्थिक फुटप्रिन्ट बढ़ाने में सहयोग
ऽ आय के अवसरः एक अनुमान के अनुसार 2024 में काम के अगले सर्वश्रेष्ठ विकल्प की तुलना में ड्राइवर पार्टनर्स की सालाना कमाई ऊबर के ज़रिए 60 फीसदी अधिक है।

ऽ उम्मीद है कि ऊबर ऑटो और मोटो 2024 में आर्थिक गतिविधि में रु 36000 करोड़ का योगदान देंगे।
ऽ एक अनुमान के मुताबिक ऊबर ऑटो और मोटो 2024 में आर्थिक गतिविधि में रु 360 बिलियन का सहयोग प्रदान करेंगे। अगले पांच सालों में राईड ऑटो मार्केट और इसका संभावी आर्थिक प्रभाव 50 फीसदी बढ़ जाएगा।
ऽ स्थानीय अनुभवों में विस्तारः 70 फीसदी राइडरों का मानना है कि उनके लिए नए रेस्टोरेन्ट और बार एक्स्प्लोर करना आसान हो गया है, उनके स्थानीय अनुभवों में विस्तार हुआ है।
बढ़ते अवसर
ऽ ज़्यादा कमाईः एक अनुमान के अनुसार बिना प्लेटफॉर्म के काम करने के बजाए ऊबर पर काम करने से ड्राइवर की औसत कमाई में 24 फीसदी बढ़ोतरी होती है।
ऽ ज़्यादा अवसरः ऊबर के 65 फीसदी ड्राइवरों के अनुसार उन्हें प्लेटफॉर्म की वजह से अधिक अवसर मिलते हैं।
सुरक्षा और एक्सेस में सुधार
ऽ महिलाओं की सुरक्षाः 95 फीसदी महिला राइडरों का मानना है कि वे सुरक्षा के मद्देनज़र ऊबर को चुनती हैं। 84 फीसदी महिला राइडरों को कहना है कि ऊबर उनके लिए सुरक्षित घर पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है।
ऽ शहरी परिवहन में बदलावः ऊबर ने शहरी परिवहन को पूरी तरह से बदल डाला है, 84 फीसदी भारतीयों का मानना है कि यह ऐप भारत में परिवहन की गुणवत्ता में सुधार लाया है।

84 फीसदी भारतीयों के अनुसार ऊबर ऐप भारत में परिवहन की गुणवत्ता में सुधार लाया है।

भीड़भाड़ और प्रदूषण
ऽ दिल्लीः दिल्ली के 74 फीसदी राइडर इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता देते हैं, वहीं 56 फीसदी ज़्यादा लागत देकर भी ईवी का विकल्प ही चुनना चाहते हैं।
ऽ बैंगलुरूः बैंगलुरू के 93 फीसदी राइडर समय बचाने के लिए ऊबर को चुनते हैं। 80 फीसदी राइडरों का मानना है कि यह सर्विस उनकी यात्रा की गति में सुधार लाई है।
रिपोर्ट पर बात करते हुए प्राभजीत सिंह, प्रेज़ीडेन्ट, ऊबर इंडिया एवं साउथ एशिया ने कहा, ‘‘हम भारत में आर्थिक विकास को गति प्रदान करते हुए परिवहन में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी 2024 इकोनोमिक इम्पैक्ट रिपोर्ट ड्राइवरों को सहयोग प्रदान करने, राइडरों को यात्रा का बेहतर अनुभव प्रदान करने तथा स्थायी विकल्पों को बढ़ावा देने में हमारे भूमिका को दर्शाती है। हमें गर्व है कि हमने भारत की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान दिया है, जो समुदायों को कनेक्ट करने एवं आजीविका के अवसर उत्पन्न करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’

 

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