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शिलांग से पहली बार 15, मैट्रिक टन अदरक का दुबई निर्यात

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शिलांग , दिव्यराष्ट्र/ मेघालय सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने इतिहास रच दिया है! पहली बार, 15 मेट्रिक टन मेघालय अदरक को समुद्री मार्ग से दुबई के लुलु ग्रुप को निर्यात किया गया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि अपेदा के सहयोग से और ईस्टर्न री-भोई ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की मदद से संभव हुई। यह कदम न सिर्फ मेघालय के कृषि निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि राज्य के किसानों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ेगा। इस ऐतिहासिक अवसर को शिलांग में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान मनाया गया, जिसमें अपेदा आर्थिक मामलों के मंत्रालय और एफडी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
मेघालय के किसानों को अब तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है—छोटे खेत, सीमित ऋण सुविधा और किसान उत्पादक संगठनों के लिए पूंजी की कमी। लेकिन सरकार की रणनीतिक पहलों की बदौलत, अब सहकारी समितियां एकजुट होकर अदरक की खेती और विपणन कर रही हैं, जिससे किसानों को बड़े स्तर पर सफलता मिल रही है।
ईस्टर्न री-भोई ऑर्गेनिक एफपी सी, जो 2017 में नॉर्थ ईस्ट रीजन के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट के तहत स्थापित हुई थी, इस निर्यात प्रयास का प्रमुख हिस्सा रही है। शुरुआत में सीमित संसाधनों के साथ शुरू हुआ यह संगठन आज आधुनिक प्रसंस्करण सुविधाओं जैसे कि अदरक धोने, काटने, सुखाने और पैकिंग की व्यवस्था के साथ आगे बढ़ चुका है। आज, यह एफपीसी 9 गांवों के 500 से अधिक किसानों का समर्थन कर रहा है और उन्हें बेहतर दाम और बाजार तक सीधी पहुंच उपलब्ध करा रहा है। इस सामूहिक प्रयास की सफलता को आंकड़ों से भी समझा जा सकता है—2018-19 में ₹17 लाख का राजस्व था, जो 2023-24 में बढ़कर ₹3.74 करोड़ हो गया है! यह दिखाता है कि अगर किसानों को सही मार्गदर्शन और समर्थन मिले, तो वे बड़े पैमाने पर आर्थिक तरक्की कर सकते हैं।
शिलॉन्ग में आयोजित इस फ्लैग-ऑफ कार्यक्रम में कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं । इस कार्यक्रम में श्री अभिषेक देव अध्यक्ष, अपेदा, अब्देलकरीम समा, कंट्री डायरेक्टर, इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (इफ्फी) रेविस्टार खारमुनुइड, मुख्य कार्यकारी निदेशक, ईस्टर्न री-भोई ऑर्गेनिक एफपीसी बी. माइलिएम उमलोंग, निदेशक, बागवानी विभाग, मेघालय सरकार और अन्य प्रतिनिधि भी शामिल थे।
अपेदा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने समुद्री मार्ग से किए गए इस निर्यात को एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “समुद्री शिपमेंट लागत को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में मदद करता है। हमने इसके लिए एक विशेष प्रोटोकॉल तैयार किया है, और मुझे विश्वास है कि भारतीय कृषि उत्पादों को यूएई बाजार में अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी।” उन्होंने यह भी बताया कि ग़ल्फ़ फूड 2024 में भारतीय उत्पादों को जबरदस्त उत्साह मिला और भारत को 2026 के संस्करण में पार्टनर कंट्री के रूप में आमंत्रित किया गया है।
एफडीआई के कंट्री डायरेक्टर, श्री अब्देलकरीम समा ने कहा, “किसान इन सहकारी संगठनों के मालिक हैं, और यही संगठनों की सबसे बड़ी ताकत है। यह न केवल उन्हें आर्थिक सुरक्षा देता है बल्कि उनके भविष्य की आशाओं को भी मजबूत करता है।”
यह ऐतिहासिक उपलब्धि मेघालय के किसानों की मेहनत, सरकार की प्रतिबद्धता और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम है। किसानों को और बेहतर सुविधाएं देने के लिए राज्य सरकार री-भोई जिले में नॉर्थ ईस्ट इंडिया का पहला ऑर्गेनिक सर्टिफाइड मसाला प्रसंस्करण केंद्र बना रही है। ₹21 करोड़ की लागत से बनने वाले इस केंद्र को एफडीआई का वित्तीय सहयोग मिल रहा है, जो किसानों की उत्पादन और प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाएगा।
अपेदा की निरंतर सहायता से मेघालय से जीआई-टैग वाले खासी संतरा, जैविक अनानास और अब अदरक का निर्यात किया जा रहा है। यह ट्रायल मार्केटिंग की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास, किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों और बाजार तक पहुंच को सुगम बनाने पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। मेघालय अब तेजी से वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना रहा है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी, कृषि उत्पादों में मूल्यवर्धन होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

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