Home हेल्थ नियमित न्यूरोलॉजिकल जांच ब्रेन ट्यूमर की रोकथाम और शुरुआती जाँच में महत्वपूर्ण...

नियमित न्यूरोलॉजिकल जांच ब्रेन ट्यूमर की रोकथाम और शुरुआती जाँच में महत्वपूर्ण है

87 views
0
Google search engine
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण – सिरदर्द, दौरे, याददाश्त में कमी, व्यक्तित्व या मूड में बदलाव – अक्सर भ्रामक होते हैं और अन्य बीमारियों की तरह ही होते हैं, यही कारण है कि न्यूरो प्रिवेंटिव चेक-अप बहुत ज़रूरी है

जयपुर : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के मामलों में 3% वार्षिक वृद्धि हुई है ये ट्यूमर, चाहे बिनाइन हों या मलिगनेंट ट्यूमर, अक्सर इनके लक्षण कम होते है जो तब तक ध्यान में नहीं आते जब तक कि वे काफी हद तक विकसित नहीं हो जाते। 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर के चिकित्सकों ने उचित जाँच और बेहतर रोगी परिणामों के लिए नियमित प्रिवेंटिव न्यूरोलॉजिकल जांच की ज़रूरत पर ज़ोर दिया हैं।

हर साल 1.5 मिलियन नए मामलों के अलावा, नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (NCRP) के डेटा से पता चलता है कि देश में सभी कैंसर में ब्रेन ट्यूमर का हिस्सा लगभग 2% है। इनमें से ग्लियोमा सबसे आम मलिगनेंट ट्यूमर हैं, जबकि मेनिंगियोमा सबसे अधिक बार होने वाले बिनाइन ट्यूमर हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि मस्तिष्क ट्यूमर के उपचार में आम तौर पर एक  मल्टीडिसीप्लिनरी अप्रोच शामिल होता है। उपचार का विकल्प ट्यूमर के प्रकार और स्थान के साथ-साथ रोगी के समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल जयपुर में न्यूरोसर्जरी विभाग के डायरेक्टर और हैड डॉ. हेमंत भारतीय कहते हैं, “मस्तिष्क ट्यूमर अत्यधिक भ्रामक हो सकते हैं। अक्सर इनके लक्षण बहुत कम होते है जिन्हें ज्यादातर अनदेखा किया जाता है, खासकर शुरुआती चरणों में। ट्यूमर के स्थान और आकार के आधार पर लक्षण भिन्न हो सकते हैं। सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, दौरे,  याददाश्त में कमी और व्यक्तित्व या मनोदशा में परिवर्तन शामिल हैं। हालांकि, ये लक्षण अन्य स्थितियों से भी उत्पन्न हो सकते हैं, अगर कोई असामान्य लक्षण दिखाई देता है तो न्यूरोसर्जन से परामर्श करना आवश्यक है।”

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल जयपुर में न्यूरोसर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. संकल्प भारतीय ने शुरुआती पहचान की अहमियत पर जोर देते हुए कहा, “जितनी जल्दी ब्रेन ट्यूमर की पहचान की जाये, सफल उपचार और बेहतर नतीजों की संभावना उतनी ही बेहतर होती है।”

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल जयपुर में न्यूरोसर्जरी विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. विवेक वैद कहते हैं, “अक्सर ब्रेन ट्यूमर में इलाज के लिए सर्जरी की ही सलाह दी जाती है, इसके बाद अगर ज़रूरत हो तो रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी की जाती है। कुछ मामलों में, सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए इन सभी उपचारों को एक साथ किया जा सकता है। ब्रेन ट्यूमर वाले रोगियों के लिए जीवित रहने की दर और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए शुरुआती निदान और उपचार महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूक होना और किसी भी असामान्य लक्षण का अनुभव होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी ज़रूरी है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here