सीकर, दिव्यराष्ट्र/ शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध का संदेश व प्रभु के भजन की प्रेरणा देते हुए बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज महाराज अपनी 108 दिवसीय धर्म यात्रा के साथ धोद तहसील के दीपपुरा राजाजी ग्राम पहुंचे, जहाँ उनका शानदार स्वागत सत्कार किया गया। आयोजकों ने मंच पर संत का पुष्पहार पहनाकर सम्मान किया।
यहाँ आयोजित विशाल सत्संग को सम्बोधित करते हुये संत पंकज महाराज ने मानव शरीर को साधना का मन्दिर बताया व कहा कि इसका बड़ा महत्व है। इस कलयुग में महात्माओं ने साधना के तीन ही रास्ते बताये हैं, पहला सुमिरन जिसमें नाम का मौन जाप, दूसरा ध्यान जिसमें दोनों आँखों को बन्द करके दिव्य दृष्टि को खोलना और तीसरा भजन-आँखों व कानों को बन्द करके ऊपर से आ रही देववाणी, आकाशवाणी को सुनने को कहते हैं। यही जीवन का सार है। इसीलिये यह मनुष्य शरीर मिला है। यदि सन्त-सतगुरु न मिले तो जीवन बेकार चला जायेगा। इसलिये सबको अपने आत्मकल्याण की चिन्ता करनी चाहिये।
उन्होंने समाज में बढ़ रही हिंसा, अपराध, नई-नई बीमारियों का कारण मांसाहार व मद्यपान, खेती में कीटनाशक और रासायनिक खादों के प्रयोग को बताया। उन्होंने कहा कि जितने भी महापुरुष आये उन्होंने अहिंसा परमोधर्म का सन्देश दिया। हमारी आप सभी से हाथ जोड़कर अपील है कि मांस, मछली, अण्डा, शराब का खान-पान बंदकर जीवन को सात्विक बनायें। सभी दुःख तो भगवान के भजन से कटेंगे।
उन्होंने 8 से 12 दिसम्बर तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले वार्षिक भण्डारा सत्संग मेले में आने का निमन्त्रण दिया तथा बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है, जहाँ बुराईयाँ चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है।
इस अवसर पर ग्राम सरपंच सहित राजस्थान संगत के उपाध्यक्ष हरिनारायण भोपाजी, कैलाश जांगीड़, प्रमोद काबरा सेठ, पीठाराम, मुनाराम, गिरधारी गैडवाल, नरेन्द्र गैडवाल, बीरबल, रिछपाल जाखड़, मदन लाल यादव, बृजमोहन गुर्जर तथा संस्था के कई पदाधिकारी एवं प्रबन्ध समिति के सदस्य आदि मौजूद रहे।