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कुचिपुड़ी नृत्य के जरिए साकार हुई विभिन्न पौराणिक कहानियां

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जयपुर, दिव्य राष्ट्र/ स्पिक मैके के कुचिपुड़ी नृत्य सर्किट के तहत शहर के पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (पीआईईटी) में कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके तहत कुचिपुड़ी नृत्यांगना टी. रेड्डी लक्ष्मी ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों के जरिए स्टूडेंट्स को भावविभोर कर दिया। प्रस्तुति में कलाकार ने कुचिपुड़ी नृत्य प्रदर्शन के माध्यम से विभिन्न पौराणिक कहानियों का खूबसूरत बखान किया।

कार्यक्रम की शुरुआत में पीआईईटी के स्पिक मैके क्लब की फैकल्टी कॉर्डिनेटर गरिमा कच्छारा द्वारा टी. रेड्डी लक्ष्मी, जयन कोट्टक्कल, वेत्री भूपति, किम सौम्या कन्नन सहित अन्य कलाकारों का स्वागत किया गया। इन कलाकारों व मेजबान पीआईईटी के डायरेक्टर व प्रिंसिपल डॉ. दिनेश गोयल, रजिस्ट्रार डॉ. बलवान शेषमा और एप्लाइड साइंसेज की एचओडी डॉ. समा जैन ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।

नृत्य प्रस्तुति के दौरान जयन कोट्टक्कल (गायन), वेत्रि भूपति (मृदंग) और किम सौम्या कन्नन (वायलिन) ने कुचिपुड़ी नृत्य संगत में योगदान दिया। प्रस्तुति के बाद विद्यार्थियों ने कलाकारों से बातचीत कर इस नृत्य शैली के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की। नृत्य प्रस्तुतियों के बाद आर्टिस्ट व स्टूडेंट्स का इंटरेक्टिव सेशन आयोजित किया गया, जिसमें टी. रेड्डी लक्ष्मी ने स्टूडेंट्स को दक्षिण भारत की पारंपरिक नृत्य शैली कुचिपुड़ी के इतिहास, विभिन्न रूपों, महत्व व अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी दी। युवा पीढ़ी में भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्पिक मैके द्वारा विभिन्न संस्थानों में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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