विगत चार वर्ष में सहकारिता मंत्रालय की 61 नई पहलों से देश का सहकारी क्षेत्र मजबूत .. शाह*
आने वाले 100 साल सहकारिता के 100 साल होंगे
जयपुर, दिव्यराष्ट्र*केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज राजस्थान के जयपुर में ‘सहकार एवं रोजगार उत्सव’ में राजस्थान के विभिन्न जिलों के 8 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरण के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
‘सहकार एवं रोजगार उत्सव’ को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि अंतराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष मनाने की शुरुआत भारत से हुई है। उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2025 को अंतराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया, तब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ही इसके प्रथम कार्यक्रम का उद्घाटन किया। शाह ने कहा कि सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में 24 अन्न भंडारण गोदाम और 64 मिलेट आउटलेट्स का वर्चुअल लोकार्पण, गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण वितरण, दुग्ध उत्पादक समितियों को माइक्रो एटीएम का वितरण, दो उत्कृष्ट प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का सम्मान किया गया। साथ ही श्वेत क्रांति 2.0 – प्राइमरी डेयरी कोआपरेटिव सोसाइटी ऑनलाइन पंजीकरण प्लेटफॉर्म का शुभारंभ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त ग्राम अभियान के तहत सफलता की कहानियों के संकलन तथा वन्दे गंगा जल संरक्षण अभियान के तहत सफलता की कहानियों के संकलन का विमोचन किया गया। इसके अलावा, राजस्थान पुलिस एवं सशस्त्र बलों को दिए गए 100 नए वाहनों को फ्लैग-ऑफ किया गया।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर गांव, गरीब और किसान तक सहकारिता को पहुंचाने के लक्ष्य के साथ केन्द्र सरकार में एक स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि आज 98 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में सहकारिता की सक्रिय भूमिका है और आगामी 100 साल सहकारिता के होंगे। श्री शाह ने कहा कि देश के धान और गेहूं की खरीद में लगभग 20 प्रतिशत योगदान सहकारिता का है, जबकि 35 प्रतिशत उर्वरक और 30 प्रतिशत चीनी का उत्पादन सहकारिता के माध्यम से होता है। 20 प्रतिशत से ज्यादा उचित मूल्य की दुकानें (फेयर प्राइस शॉप) भी सहकारिता के माध्यम से चलती हैं। उन्होंने कहा कि 8 लाख 50 हजार सहकारी संस्थाओं के माध्यम से 31 करोड़ लोग सहकारिता से जुड़े हैं।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के चार वर्ष के भीतर हमने 61 पहलों के जरिये सहकारिता को मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि दो लाख नए पैक्स बनाने का काम शुरू हो गया है, इनमें से 40 हजार पैक्स बना लिए गए हैं। सभी पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का काम पूरा कर लिया गया है और सभी राज्यों ने पैक्स के मॉडल बायलॉज़ स्वीकार कर लिए हैं। गोदाम भी बनाए जा रहे हैं। ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स, एक्सपोर्ट और बीज संवर्धन के लिए नई सहकारी संस्थाएं बनाई गई हैं। शाह ने कहा कि मोदी जी ने नेफेड और एनसीसी एफ के ऐप पर पंजीकरण करने वाले किसानों के दलहन, तिलहन और मक्का की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने की गारंटी दी है और अगर बाजार में मिल रही कीमत एमएसपी से अधिक है तो किसान अपनी पैदावार बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र हैं।
अमित शाह ने कहा कि आज राजस्थान देश के कृषि विकास में बहुत बड़ा योगदान कर रहा है। देश में ग्वार का 90 प्रतिशत से अधिक उत्पादन राजस्थान में हो रहा है। सरसों का 46 प्रतिशत, बाजरे का 44 प्रतिशत, तिलहन का 22 प्रतिशत और मिलेट्स का 15 प्रतिशत उत्पादन राजस्थान में ही हो रहा है। इन फसलों के उत्पादन में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है। मूंगफली का 18 प्रतिशत उत्पादन राजस्थान में हो रहा है और इसके उत्पादन में वह देश में दूसरे नंबर पर है, वहीँ ज्वार, चना, दलहन और सोयाबीन के उत्पादन में राजस्थान तीसरे नंबर पर है।